उमरिया 13 जुलाई – जिले में यातायात पुलिस ने सड़क सुरक्षा सप्ताह में अनोखा काम किया है, लोगों को अपनी सुरक्षा के प्रति जागरुक करने के साथ बच्चों में भी प्रतियोगिता की भावना और भारतीय प्रशासनिक एवं पुलिस सेवा का अधिकारी बनने के भावना को बल देने का काम किया है | बच्चों ने भी सन्देश दिया कि जीवन अमूल्य है यातायात नियमों का पालन करें वहीँ जिले के एस पी भी लोगों को दुर्घटना से बचने और जिन्दगी को सुरक्षित रखने के लिए सन्देश दिया |
देश और प्रदेश में यातायात सुरक्षा सप्ताह में अनेकों कार्यक्रम होते हैं लेकिन उमरिया जिले में यातायात पुलिस ने अनोखा काम किया है | सडकों पर लोगों को यातायात नियमों की जानकारी देना, स्कूलों में बच्चों को जागरुक करना तो सभी जगहों पर होता है लेकिन उमरिया में कुछ हट कर यातायात प्रभारी और जिले के एस पी ने किया है | जिले भर की स्कूलों के लगभग 500 बच्चों को सामुदायिक भवन में बुला कर यातायात नियमों के पालन करने के लिए चित्रकला प्रतियोगिता करवाया है | वैसे तो यह भी सामान्य सी बात है लेकिन सबसे ख़ास यह है कि इसमें दो वर्ग बनाया गया है पहला तो कक्षा 1 से 8 तक का दूसरा कक्षा 9 से 12 तक का, इन दोनों वर्गों में जो प्रथम आयेगा उसको एक दिन का कलेक्टर और एक दिन का एस पी बनने का मौक़ा मिलेगा | कक्षा एक से 8 तक के बच्चों में जो प्रथम आयेगा उसको एक दिन का एस पी बनने का मौक़ा और कक्षा 9 से 12 तक में जो प्रथम आयेगा उसको एक दिन का कलेक्टर बनने का मौक़ा दिया जाएगा | इस बारे में यातायात प्रभारी अमित विश्वकर्मा बताये कि हम चाहते हैं कि स्कूलों में जो बच्चों को शिक्षक और हम सिखाते हैं उसी अनुशासन के साथ सडकों पर भी चलें, यहाँ पर जो सड़क दुर्घटनाओं में लोगों की मृत्यु होती है लोग विकलांग हो जाते हैं हम ऐसा मैसेज बच्चों के माध्यम से दे रहे हैं कि हमें ऐसी दुर्घटनाओं से बचना चाहिए इस प्रतियोगिता में जो बच्चे प्रथम आयेंगे उनको एक दिन कलेक्टर महोदय के साथ और एक दिन एस पी साहब के साथ मौक़ा दिया जाएगा |
वहीँ स्कूलों से आये बच्चे और बच्चियों ने भी अपने साथियों और अपने अभिभावकों को सन्देश दिया कि यातायात नियमों का पालन करें और 18 वर्ष की उम्र से पहले वाहन न चलायें, सीट बेल्ट और हेलमेट का प्रयोग करें |
प्रतियोगिता में भाग लेने आये बच्चों का उत्साहवर्धन करने आये जिले के एस पी सचिन शर्मा भी कहे कि इसमें जो भी बच्चे सबसे अच्छा करते हैं उनको एक दिन के लिए एस पी का पूरा प्रभार दिया जाएगा कैसे काम होता है, कैसे चेकिंग लगती है, कैसे घटना स्थल का मुआयना किया जाता है वह होगा और इसी तरीके से कलेक्टर साहब के सामने जो जन सुनवाई होती है लोग अपनी फ़रियाद लेकर आते हैं उस पर कैसे सुनवाई होती है, ये सब सीखने का इनको मौक़ा मिलेगा जिससे कि शासन और बच्चों के बीच का गैप है वह कव्हर हो सके और आगे चल कर ये बड़े काम करने के सपने देख सकें |
गौरतलब है कि इस प्रतियोगिता से और प्रथम आये बच्चों के साथ दूसरे बच्चों में भी अपनी पढाई के साथ यातायात नियमों की जानकारी तो होगी ही लेकिन साथ में बच्चों में आई ए एस और आई पी एस बनने का भी भाव जागृत होगा जिससे बच्चे देश का भविष्य संवारने में आगे आयेंगे |