सुरेन्द्र त्रिपाठी
उमरिया 22 जुलाई – जिले में किसानों को यूरिया खाद नही मिल रहा है, किसान परेशान, फसल खराब होने की कगार पर। वहीं किसान कल्याण मंत्री कमलनाथ पर आरोप लगाते हुए कहे कि हम केंद्र सरकार से यूरिया की मांग किये हैं और जल्द आने वाली है।
उमरिया जिले में 40 लैम्प्स की दुकान हैं जहां से किसानों को यूरिया एवम अन्य रासायनिक खाद का वितरण किया जाता है, और जिले की किसी दुकान में यूरिया खाद न होने से किसानों की फसलों का नुकसान होने लगा है। सहकारी समिति उमरिया में यूरिया खाद लेने आये

किसान राकेश कोल बताये की हम यूरिया के लिए भटक रहे हैं और किसी दुकान में खाद नही मिल रहा है वहीं विपणन संघ के ऊपर आरोप लगाते हुए कहे कि ये लोग बाजार में बेच देते हैं हम लोग परेशान रहते हैं, वहीं 40 किलोमीटर दूर ग्राम जरहा से आये

किसान शारदा गुप्ता बताये कि किसी दुकान में खाद नही मिल रहा है और हमको मजबूरी में बाजार से लेना पड़ता है जहां 370 रुपये बोरी मिल रही है। ग्राम लालपुर से आये किसान सुग्रीव राठौर बताये कि हम लोग यूरिया के लिए भटक रहे हैं हमारी फसल बरबाद हो रही है।

इस मामले में सहकारी समिति के खाद प्रभारी गेंद लाल बर्मन बताये कि हमारे यहां यूरिया नही है हम लोग बराबर डिमांड भेज रहे हैं लेकिन विपणन संघ कह रहा है कि आने वाला है लेकिन किसान आकर हमसे कहते हैं और हमारे पास नही है। वहीं

सहकारी समिति के पूर्व डायरेक्टर और भाजपा नेता बताये कि हमारे जिले में यूरिया की कमी है किसान परेशान हैं, किसान धान की रोपाई कर रहे हैं और इस वक्त यूरिया की अत्यधिक आवश्यकता है, हम सरकार से मांग कर रहे हैं यूरिया भेजी जाय।

वहीं इस मामले में प्रदेश के किसान कल्याण मंत्री कमल पटेल पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर आरोप लगाते हुए कहे कि वो खेती किसानी क्या जाने वो तो किसानों से छलावा किये हैं, उनके कार्यकाल में किसानों को दुगने रेट पर बाजार से यूरिया खरीदना पड़ा है, इस बार हम इनसे 30 प्रतिशत अधिक अभी दे चुके हैं, और 50 प्रतिशत डी ए पी अधिक दे चुके हैं, अभी हमने सभी डी डी ए से डिमांड पूंछा है 1 लाख 46 हजार मीट्रिक टन की डिमांड आई है अभी हमको 70 हजार मीट्रिक टन मिलने वाला है रैक लगने वाली है, एक दो जिले हैं जहां से डिमांड ज्यादा आ गई है, वहां बोनी ज्यादा हो गई है, खाद जल्दी आ रही है।
गौरतलब है कि एक तरफ प्रदेश का किसान यूरिया के लिए परेशान है और दूसरी तरफ किसान कल्याण मंत्री यूरिया की व्यवस्था करने की जगह पूर्व मुख्यमंत्री को कोसने में लगे हैं, ऐसे में प्रदेश का अन्नदाता तबाही की ओर जा रहा है।