सुरेन्द्र त्रिपाठी
उमरिया 24 जुलाई – उमरिया जिले के कोरोना प्रभारी खनिज सचिव सुखवीर सिंह 23 जुलाई गुरुवार को जिले में कोरोना की समीक्षा बैठक जिला कलेक्ट्रेट के सभागार में किये। जब जिले के पत्रकार उनसे बात करने पहुंचे तो गेंद जिले के कलेक्टर के पाले में डाल कर चलते बने, कहे कि कलेक्टर साहब बताएंगे। हालांकि पत्रकार उनसे प्रदेश में रेत के गोरख धंधे के बारे में बात करना चाहते थे साथ ही जिले के सी एम एच ओ द्वारा किये गए कोरोना के बजट में खुर्द – बुर्द के बारे में भी बात करना चाहते थे जैसे कटनी जिले के सी एम एच ओ द्वारा फर्जी खरीदी के मामले में उनको सस्पेंड किया गया उसी तरह यहां के घोटाले की बात करना चाहते थे साथ ही रेत ठेकेदार द्वारा एन जी टी के निर्देशों का खुले आम उल्लंघन किये जाने पर भी चर्चा करना चाहते थे तो वो बिना बात किये रवाना हो गए, जबकि शहडोल सांसद हिमाद्री सिंह द्वारा 10 लाख रुपए जिला अस्पताल को वेंटिलेटर के लिए दिए थे लेकिन आज तक जिला अस्पताल में वेंटिलेटर की व्यवस्था नही हो सकी, बहुत से ऐसे मामले थे जो उनके सामने रखने थे लेकिन ये कैसी समीक्षा रही जो मात्र अधिकारियों और कागजों तक सीमित रही जबकि उनको फीडबैक लेना चाहिए था कि यहां क्या हो रहा है। खनिज सचिव और जिले के कोरोना प्रभारी अधिकारी सुखवीर सिंह के द्वारा की गई समीक्षा से तो लगता है कि महज औपचारिकता निभाने आये थे और खानापूर्ति कर रवाना हो गए। वहीं उनके सामने रेत ठेकेदार आर एस आई स्टोन वर्ड प्राइवेट लिमिटेड किये जा रहे कार्यकलापों को भी साक्ष्य सहित बात करनी थी। लेकिन उनके द्वारा समय न देना कहीं न कहीं संदिग्ध नजर आ रहा है। वैसे मामला यह है कि 1 जुलाई से 30 सितंबर तक प्रदेश की सारी खदानों से रेत उत्खनन प्रतिबंधित किया गया है उसके बाद आर एस आई स्टोन वर्ड प्राइवेट लिमिटेड द्वारा डिहिया रेत खदान की टी पी काट कर रेत खैरभार से भराई जा रही है, जबकि ठेकेदार द्वारा ही रॉयल्टी की खुले आम की जा रही है चोरी, जिसका प्रमाण खितौली टोल बैरियर में से मिल सकता है, जबकि ठेकेदार द्वारा शारदा राय पिता सीता चरण राय निवासी शहपुरा, की गाड़ी नंबर एम पी 52 एच 0275 विजय गुप्ता पिता राजेन्द्र गुप्ता निवासी शहपुरा की गाडी नंबर एम पी 52 एच 0523 और भी अन्य गाड़िया है जिनकी जांच करवाई जा सकती है कोई भी गाड़ी खितौली टोल प्लाजा में दर्ज नही है जबकि ठेकेदार द्वारा काटी गई टी पी में डिहिया से शहपुरा व्हाया खितौली दर्ज है।


अब सवाल यह उठता है कि यदि व्हाया खितौली दर्ज किया गया है तो ये गाड़ियां किस रास्ते से आई हैं, यदि खनिज अधिकारी ईमानदार हैं तो वो इसकी जांच कर वाहन मालिक और ठेकेदार के ऊपर 420 का प्रकरण दर्ज करवाएं। टी पी में वाहन चालकों का मोबाइल नंबर भी दर्ज है, यदि उनसे सख्ती से पूंछ – तांछ की जाय तो सब सामने आ जायेगा। करकेली के पास बसकुटा गांव के बगल से निकलने वाली भदभदा नदी वन विभाग के क्षेत्र में आती है और वहां से भी ठेकेदार द्वारा खुले आम रेत का उत्खनन और परिवहन करवाया जा रहा है और वहां भी टी पी बल्हौण्ड, मुंहबोला के साथ डिहिया की काटी जा रही है, हालांकि उसका भी फर्जी होने का प्रमाण ताला वन विभाग, खितौली वन विभाग और धमोखर टोल बैरियर से मिल जाएगा लेकिन हमारे जिले के अधिकारी जब देखेंगे तभी प्रमाण मिल जाएगा, अब तो लोगों की अपेक्षा मात्र जिले के एस पी और कलेक्टर से है कि इसकी जांच करवा कर चारसौबीसी का प्रकरण ठेकेदार और वाहन मालिक के ऊपर दर्ज कराए साथ ही खनिज अधिकारी के ऊपर भी कार्रवाई करें, ताकि लोगों को समझ मे आये कि जिले के दोनो ऊर्जावान मुखिया की नजरों से कोई बच नहीं सकता और कार्रवाई भी होती है।