सुरेन्द्र त्रिपाठी
उमरिया 23 जून – जिले में साढ़े तीन करोड़ की लागत से उपार्जन का गेंहू रखने के लिए बना कैप भसकने लगा, वेयर हाउसिंग कारपोरेशन द्वारा ठेकेदार के माध्यम से बनवाया गया था कैप। कैप में रखा 68 करोड़ का गेंहू जमींदोज होने की कगार पर। जिले के कलेक्टर जांच करवाने की बात कहे।

उमरिया जिले में 4 लाख क्विंटल गेंहू रखने के लिए वेयर हाउसिंग कारपोरेशन द्वारा ठेकेदार अतुल कुरारिया को ठेका देकर बनवाया गया। चंदिया बेसहनी में तीन लाख पचास हजार क्विंटल गेंहू रखने के लिए और मानपुर के खुटार में पचास हजार क्विंटल गेंहू रखने के लिए कैप बनवाया गया, एक कैप की क्षमता 1500 क्विंटल की है, जिसके लिए चंदिया बेसहनी में 252 कैप का निर्माण कराया गया और मानपुर के खुटार में 38 कैप बनवाया गया, यदि दोनो जगह की लागत देखी जाय तो साढ़े तीन करोड़ है। अब चंदिया बेसहनी कैप में 2 लाख 84 हजार 983 क्विंटल गेंहू रखवाया गया जिसकी सरकारी कीमत लगभग 68 करोड़ 40 लाख रुपये होती है इस तरह 72 करोड़ रुपये की बरबादी होने लगी। ठेकेदार द्वारा कैप निर्माण में किसी भी मानकों का पालन नही किया गया, रेत की जगह मिट्टी भरवाई गई, कैप में रोलर नही चलवाया गया जिसके कारण कंपेक्शन नही हो सका और कैप बनाते ही 2 से 3 दिन में गेंहूं भी रखवा दिया गया जिससे कैप भी पक नही पाया। कैप निर्माण में लगे मेशन राम कुमार ने बताया कि 2 से 3 दिन में गेंहू रखवा दिया जाता है। वहीं वेयर हाउस के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी अनिल परस्ते भी बताये की अर्जेंटली में चल रहा है इसलिए माल रखवा देते हैं।

अब जरा जिम्मेदारों से की भी सुनें क्या कहते हैं, सबसे पहले तो कैप प्रभारी इंजीनियर साहब राहुल गंगवाल से बात किया गया तो उनका कहना है कि बेसहनी में जो कैप निर्माण हो रहा है उसमें 150 एम टी का लोड रहना है और 21 दिन की प्रॉपर क्युरिंग नही करवा पा रहे है फिर भी 7 दिन की क्युरिंग करवा रहे हैं काम लगभग पूरा हो गया है और जो दरार आ रही है या कैप बैठ रहा है उसको देख लेता हूँ। वहीं नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबंधक सत्यदेव विरहा से जब बात किया गया तो अपनी सारी जबाबदेही को वेयर हाउस के ऊपर टाल दिए। वहीं वेयर हाउस प्रबंधक अरविंद सिंह बताये कि नुकसान तो बहुत होगा कैप क्रैक हो रहे हैं, हमने ए ई साहब को और भोपाल हेड आफिस को सूचना दे दिया है।
इस मामले में जब जिले के कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव से बात किया गया तो उनका कहना है कि कैप यदि बैठ रहा है और गेंहू खराब होता है तो हम इसकी जांच करवाएंगे और जो भी इसमें शामिल होगा उसके ऊपर कार्यवाई की जाएगी, किसी को नही छोड़ा जाएगा।
गौरतलब है कि एक तरफ गरीब, प्रवासी मजदूर, मध्यम वर्गीय परिवार कोरोना के कहर के चलते एक – एक दाना अनाज को मोहताज हो गए वहीं वेयर हाउस, नागरिक आपूर्ति निगम और ठेकेदार मिल कर करोड़ों रुपये के अनाज की होली खेलने में लगे हैं, ऐसे में आवश्यक है कि दोषियों के ऊपर सख्त कार्रवाई की जाय।