उमरिया – जिले की सारी सहकारी समितियों के कर्मचारी लगातार वर्षों से अपनी बहुप्रतीक्षित मांगों को लेकर कई बार धरना प्रदर्शन किए, अनिश्चितकालीन हड़ताल भी किये, इतना ही नही भोपाल में भी जाकर धरना प्रदर्शन किए, सामूहिक स्तीफा भी दिए लेकिन हर बार प्रदेश सरकार, विभाग के मंत्री द्वारा गुड़ की जलेबी पकड़ा दी जाती रही है।
इनकी कोई सुनने वाला नही रहा, इतना ही नही प्रदेश स्तर पर नेता अपनी राजनैतिक चाल चल कर एक संगठन के टुकड़े करवा दिए जिसके चलते आज प्रदेश में सहकारी समितियों के चार संगठन बन गए लेकिन अब सभी इन नेताओं और मंत्रियों की चाल को समझ गए और 16 अगस्त से जिला कलेक्टर कार्यालय के सामने संयुक्त संगठन के लोग अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए हैं।
सहकारी समितियों के जिलाध्यक्ष मनजीत चतुर्वेदी ने बताया कि हमारी सबसे प्रमुख मांग है कि हम लोगों को वेतन दिया जाय, अभी संस्था को जो कमीशन मिलता है उसी से हम लोग अपना गुजारा करते हैं। 2019 और 2021 में जो कमेटी बनी उस कमेटी ने कहा है कि जिस तरह ग्रामीण क्षेत्रों में जो कर्मचारी कार्य करते हैं उसी तरह इनको वेतन दिया जाय। कमेटी बनाना और मुख्यमंत्री जी, मंत्री जी द्वारा बार बार आश्वासन देना यह कोई बात नही है। हम लोग 16 अगस्त से यहां बैठे हैं और 21 को हम लोग भोपाल जाएंगे वहां जंगी प्रदर्शन करेंगे, जब तक हम लोगों की मांग पूरी नही होगी तब तक हम लोग लगातार वहीं प्रदर्शन करेंगे। हम लोगों को आश्वासन दिया गया था कि 60 प्रतिशत कैडर भर्ती होगी लेकिन वह भी नही हो रही है।
इनकी मुख्य मांगे और भी इस प्रकार हैं
पैक्स सहकारी संस्थाओं में कार्यरत प्रभारी प्रबंधक/ सहायक प्रबंधक, लिपिक, कैशियर, विक्रेता, कनिष्ठ विक्रेता, कंप्यूटर ऑपरेटर, भृत्य, चौकीदार, तुलैया आदि कर्मचारियों के हित में 2021 में जारी शासन की कमेटी की रिपोर्ट का पालन करना।
जिले की सभी सहकारी समितियों द्वारा संचालित दुकानें इनके हड़ताल में जाने से बन्द पड़ी है जिससे उपभोक्ता प्रभावित हो रहे हैं।
अब देखना होगा कि सरकार इनकी मांगों पर कितना ध्यान देती है या फिर इसका असर आने वाले चुनाव में दिखेगा।