उमरिया – जिला मुख्यालय में बेतहाशा अघोषित कटौती से जिला मुख्यालय के नागरिक परेशान रहे, लोगों को सुबह पीने का पानी तक नसीब नही हो पाया। बिजली न होने के कारण लोगों की टंकियों तक पानी नही पहुंच सका। वहीं अगर देखा जाय तो अभी 13 अप्रैल को पूरा दिन मेंटिनेंस के नाम पर बिजली बंद रही। क्या मेंटिनेंस हुआ किसी को पता नही, मात्र 6 दिन बाद ही ऐसी स्थिति आ गई कि दिन भर बिजली बंद रही।
बिजली विभाग के अधिकारियों को यदि जनता फोन करती है तो उनका जबाब ही नही मिलता है। दूसरी तरफ प्रदेश के ऊर्जा मंत्री और प्रदेश के मुखिया बिजली विभाग की बड़ाई करते नही थकते हैं। खुले आम कहते हैं प्रदेश हमारा मंदिर है और प्रदेश की जनता हमारी भगवान, इसलिए भगवान को तकलीफ दिया जा रहा है। रात में 3 से 4 बार बिजली बंद होना आम बात हो गई है। जब जिला मुख्यालय का यह हाल है तो ग्रामीण क्षेत्रों का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। यदि देखा जाय तो प्रदेश की शिवराज सरकार में अब बिजली के मामले में दिग्विजय सरकार का चेहरा नजर आने लगा है। अब इतनी तरक्की जरूर हो गई है कि किसी गांव के 20 कनेक्शनधारी बिजली का बिल जमा नही किये तो पूरे गांव की बिजली काट दी जाती है, साथ ही उपभोक्ता का सामान गुंडई के साथ उठा लाया जाता है। उसको हर तरह से प्रताड़ित किया जाता है। एक और तरक्की हो गई है कि बिजली विभाग के अधिकारी निरंकुश हो गए हैं, हो सकता है आंतरिक आदेश हो जनता को प्रताड़ित करने के लेकिन ऊपर से जनहितैषी ही हैं। विधानसभा चुनाव नजदीक है इसका क्या असर पड़ेगा, यह तो आने वाला वक़्त ही बताएगा।