उमरिया – आइए हम आपको बताने जा रहे हैं मुख्य कारण क्यों मध्य प्रदेश में भारतीय वन सेवा के दो बड़े अधिकारियों का प्रभार बदला गया हैं जिनमें जसवीर सिंह चौहान को पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ से पीसीसीएफ प्रोडक्शन बनाया गया है तो वही दूसरे अधिकारी असीम श्रीवास्तव को पीसीसीएफ प्रोडक्शन से पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ बनाया गया है।
मध्यप्रदेश शासन वन विभाग के उपसचिव मोहित बिंदस के द्वारा जारी आदेश में उल्लेख किया गया कि जसवीर सिंह चौहान को पीसीसीएफ प्रोडक्शन और असीम श्रीवास्तव को पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ का प्रभार अस्थाई रूप से दिया गया है।
मिली जानकारी के मुताबिक मध्यप्रदेश शासन वन विभाग ने पीसीसीएफ की फेरबदल के पीछे एक बड़ा कारण बताया जा रहा है। जिसमें यह की पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ जसवीर सिंह चौहान के रहते हुए कूनो नेशनल पार्क में लगातार चीतों की मौत हो रही थी। कूनो में अब तक 8 चीतों की मौत हो चुकी है। शायद यही वजह रही है कि मध्य प्रदेश के पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ जसवीर सिंह का पद बदलकर उन्हें पीसीसीएफ प्रोडक्शन बनाया गया है उनकी जगह पीसीसीएफ प्रोडक्शन रहे असीम श्रीवास्तव को वाइल्ड लाइफ पीसीसीएफ बनाया गया है।
गौरतलब है कि असीम श्रीवास्तव पूर्व में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में फील्ड डायरेक्टर के पद पर रह चुके हैं, ऐसे में क्या लगातार हो रहे बाघों के मौत की निष्पक्ष जांच करवा पाएंगे या फिर सारी मौतों पर परदा पड़ा रहने में सहयोग करेंगे।
सबसे बड़ी बात यह है कि कूनो अभ्यारण्य में जो चीते लाये गए थे वो देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के जन्म दिवस 17 सितम्बर 2022 को नामीबिया से आये थे और प्रधानमंत्री ने खुद उनको छोड़ा था। इसलिए वो चीते और भी खास थे, उसके बाद 18 फरवरी 2023 को साउथ अफ्रीका से आये 12 और चीतों को छोड़ा गया जिनकी कुल संख्या 20 हो गई थी, यहां आने के बाद मादा चीतों ने 4 बच्चों को जन्म दिया जिनकी कुल संख्या 24 हो गई और उनमें से 8 की मौत होना बड़ी बात हो गई।
इन्ही कारणों से सारी जबाबदारी पीसीसीएफ पर तय करते हुए प्रदेश सरकार ने उनको हटा दिया लेकिन बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में लगातार बाघों की हो रही मौतों पर प्रदेश सरकार ने आज तक कोई भी कड़ा कदम नही उठाया, जिसको देख कर तो लगता है कि बाघ तो मरने के लिए ही हैं।