दीपावली पर दिखी आदिवासी प्रथा की झलक
उमरिया 2 नवम्बर – जिले के अखडाड क्षेत्र के आदिवासी समाज के प्रथा की एक झलक, यह है ग्राम बड़खेरा की झलक इस क्षेत्र में आदिवासी समुदाय दीपावली के पहले एकादशी से बिरइयाँ गाना शुरू कर देते हैं जो दीपावली के बाद देवउठनी एकादशी तक जारी रहता है।
इसका अतिम शब्द प्रायः बहुत खींचकर गाया जाता है । जैसे,—बेद, हकीम बुलाओ कोई, गोइयाँ कोई लेओ री खबरिया मोर ।
वैसे इसे दीवाली आने के पूर्व साफ सफाई करते हुये उत्सव व आनंद के रूप मेँ मनाया जाता है साथ ही दूसरी ओर धान की फसल काटने को तैयार हो चुकी होती है उसके अच्छे उपज हेतु भी धान की बलियों को देवताओं पर अर्पण कर ख़ुशी का इजहार करते हैं।