बाघ के हमले से महिला घायल
उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पतौर रेंज में एक बाघ ने महिला पर हमला कर घायल कर दिया है, गनीमत ये रही कि घायल महिला के पति ने शोर मचा कर महिला की जान बचाई।
ये मामला है उमरिया जिले के विश्व विख्यात बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पनपथा रेंज के कक्ष क्रमांक आर एफ़ 394 का पतौर निवासी अंगूरी बैगा पति बुधई बैगा अपने पति के साथ जंगल लकड़ी लेने गई थी तभी पतौर के रोझीदाण्डी हार की झाड़ियों से एक बाघ निकल कर अंगूरी बैगा पर हमला बोल दिया, पीड़ित की चीख पुकार सुन कर साथ चल रहा पति बाघ से पत्नी को छुड़ाने के लिए शोर मचाने लगा जिससे बाघ महिला को छोड़ कर वापस झाड़ियों में घुस गया लेकिन दोबारा हमला करने की फिराक में था पर लाठी डंडा जमीन पर पीटने से बाघ वापस लौट गया, पीड़ित खून से लथपथ हो गई जिसे उसके पति ने कंधे पर उठा कर घर आया और वन विभाग के अमले को सूचित किया, बाद में मानपुर अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद महिला को उमरिया जिला अस्पताल रैफर कर दिया गया, पर अफसोस यह है कि महिला के जान की कीमत बाँधगढ़ टाइगर रिजर्व के अधिकारियों कर्मचारियों ने महज 1000 रुपये आंकी है। संवेदन हीनता की पराकाष्ठा को भी मदांध अधिकारियों ने पीछे छोड़ दिया, पीड़ित को उमरिया अस्पताल में छोड़ कर नदारद हो गए।
देश मे टाइगर प्रोजेक्ट का मकसद है स्थानीय लोगों के साथ मिल कर बाघों का संरक्षण संवर्धन, ये भी तय है कि बिना स्थानीय लोगों के मदद के बाघ का संरक्षण संभव ही नही है, ऐसे में वन विभाग की लापरवाही और लगातार बाघों के हमले से लोगों का धैर्य अब टूटने लगा है, नतीजा होता है बाघों की मौत विगत दिनों एक बाघ को जंगल मे करंट लगा कर मार गया था। अगर टाइगर रिजर्व के अधिकारी अपनी हरक़तों से बाज़ नही आये तो बांधवगढ़ में टाइगर प्रोजेक्ट को समाप्त होने से कोई नहीं रोक सकता है।