Home राज्य फिर एक बाघिन की संदिग्ध मौत पार्क प्रबंधन ने बताया आपसी लड़ाई

फिर एक बाघिन की संदिग्ध मौत पार्क प्रबंधन ने बताया आपसी लड़ाई

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उमरिया – जिले के विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के खितौली वन परिक्षेत्र में फिर 18 माह के बाघिन की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत की खबर मिली है। पूरा मामला उमरिया जिले का है जहा मृत बाघिन डोभा बीट के कक्ष कमांक आरएफ़ 374 के राजस्व क्षेत्र लमनहाहार में मृत अवस्था मे मिली है।
वही सूत्रों की माने तो गुरुवार की सुबह गश्ती दल घटना स्थल के करींब गश्ती कर रहा था, तभी मृत अवस्था मे बाघिन मिली है। बताया जाता है कि घटना के बाद राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की गाईलाईन के अनुसार क्षेत्र की घेराबन्दी कर क्षेत्र में डॉग स्क्वाड द्वारा सघन निरीक्षण किया गया है। जिसमे घटना स्थल के करीब क़ई जगह खून के धब्बे देखे गए। पार्क के वन्य जीव चिकित्सक डॉक्टर नितिन गुप्ता की माने तो बाघिन के मौत के कारण प्रथम दृष्ट्या आपसी संघर्ष का है।

बाघिन का अंतिम संस्कार फाइल फोटो

फिलहाल बाघिन की मौत के बाद आवश्यक कार्यवाही कर पार्क अधिकारियों, वन्य प्राणी चिकित्सक, एनटीसीए प्रतिनिधि के समक्ष गुरुवार की शाम मृत बाघिन शावक का पीएम आदि कर अंतिम संस्कार कर दिया गया है।
गौरतलब है कि लगातार हो रहे बाघों की मौत के मामले में पार्क प्रबंधन के पास एक ही रटा रटाया जबाब रहता कि आपसी संघर्ष में मौत हुई है, लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि नर बाघ कभी भी मादा शावक या मादा बाघ का शिकार नही करता है। वहीं देखने मे हमेशा आया है कि बाघ की मौत के कुछ दिन बाद पार्क प्रबंधन किसी भी आदिवासी ग्रामीण को बाघ का शिकारी घोषित कर अदालत में पेश कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर लेता है। ऐसे में आवश्यक है कि इन मामलों की उच्च स्तरीय जांच पारदर्शी तरीके से करवाई जाए जिसमे सच्चाई सामने आ सके।

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