डाक्टरों की लापरवाही से महिला कि मौत
उमरिया 22 नवम्बर – जिले में एल टी टी आपरेशन के दौरान हुई नवविवाहिता की मौत, अस्पताल प्रबंधन, जिला प्रशासन मिल कर रात में ही शव का पोस्ट मार्टम करवा कर एम्बुलेंश से शव को किये रवाना, आनन – फानन में दिए पोस्ट मार्टम की अनुमति, अपनी कमी छिपाने स्वास्थ्य विभाग फिर दिखाया अमानवीयता |
उमरिया जिले के अमरपुर चौकी क्षेत्र अंतर्गत ग्राम चिल्हारी की रहने वाली 24 वर्षीया आरती बर्मन की हुई मौत, उप स्वास्थ्य केंद्र अमरपुर में कल नसबंदी शिविर लगाया गया था जहां पैसों का लालच देकर ग्रामीण महिलाओं को नसबंदी आपरेशन करवाने के लिए बुलाया जाता है, ग्राम चिल्हारी में रहने वाली नर्स अपना केश बढाने के लिए आरती बर्मन को अपने साथ ले गई जहाँ दिन भर वह बैठी रही मृतिका आरती का पति धनीराम बर्मन बताया कि डाक्टर साहब को फोन करने पर पता चला कि शाम को 4 बजे आयेंगे, हालाँकि उमरिया जिला अस्पताल के सर्जन डाक्टर बी के प्रजापति की डियूटी एल टी टी शिविर लगाने की लगी है और शाम को पंहुच कर डाक्टर साहब 5 महिलाओं को इंजेक्शन लगवा दिए और 2 इंजेक्शन आरती को भी लग गए उसके बाद यह अपने पति के साथ बैठी रही बाद में डाक्टर साहब फिर से इंजेक्शन लगवाए और लगवाते के साथ ही आरती तडफने लगी और उसकी मौत हो गई, डाक्टर मामला बिगड़ता देख सीरियस होने की बात कह कर तत्काल इंडिका गाडी खुद बुक कर जिला अस्पताल शव को भेज दिए, मृतिका के 2 छोटे – छोटे बच्चे हैं और पति के समझ में नहीं आ रहा है कि क्या करे, वहीँ उसका सहयोगी सत्य नारायण मिश्रा भी बतलाया कि डाक्टर की लापरवाही से महिला की मौत हो गई |
इस मामले में जब महिला डाक्टर ऋचा गुप्ता से जानकारी लिया गया तो उनका कहना है कि आरती बर्मन पति धनीराम बर्मन को अमरपुर से एल टी टी कैम्प के दौरान यहाँ भेजा गया है जिसे वहां के फार्मासिस्ट और उसके पति के साथ लाया गया है और यहाँ मृत अवस्था में लाया गया है, सारी रिपोर्ट पी एम के बाद सामने आ जायेगी |
इस मामले में जब कार्यपालिक मजिस्ट्रेट की हैसियत से आये नायब तहसीलदार अभिषेक पाण्डेय से जानकारी लिया गया तो वो खुद ही डाक्टर बन गए और डाक्टरों वाली दलील देते हुए कहे कि यहाँ पर आरती बर्मन पति धनीराम बर्मन अमरपुर में एक लोकल कैम्प लगा था नसबंदी के लिए वहां पर आपरेशन के दौरान उसकी तबियत ज्यादा बिगड़ गई और डाक्टर को उसने बताया तो उन्होंने वहां से उमरिया रिफर किया यहाँ आने पर डाक्टरों ने बताया कि उसकी मौत हो चुकी है मुझे तहरीर किया गया तो मैं पंचनामे के लिए यहाँ पर आया मेरी उपस्थिति में शव पंचनामा किया गया वहीँ जब पूंछा गया कि ऎसी कौन सी स्थितियां बन गई कि रात में पोस्ट मार्टम करवाया जा रहा है तो वो खुद डाक्टर बनते हुए दलील देने लगे कि आपरेशन से उसकी मौत हुई है और नव विवाहिता है इसलिए हम अभी रात में ही शव पंचनामा करवाएंगे, उसे इंजेक्शन दिए गए हैं और केमिकल के असर कुछ समय तक ही होते हैं इसलिए हम चाहते हैं कि जल्दी से जल्दी हो जाय | लेकिन इनको कौन बताये कि मृत देह में किसी चीज का कोई असर नहीं होता है |
इस मामले पर जब सी एम एच ओ डाक्टर राजेश श्रीवास्तव से बात किया गया कि ऐसी कौन सी स्थिति आ गई कि रात में पी एम करवाना पड रहा है तो उनका कहना है कि राष्ट्रीय कार्यक्रम चल रहा है और राष्ट्रीय कार्यक्रम के दौरान म्रत्यु हुई है, तो यह मामला बहुत ही ज्यादा संवेदनशील हो जाता है, रात में पी एम करवाना कोई गलत बात नहीं होती है, यह मामला राष्ट्रीय कार्यक्रम से जुड़ा हुआ है और ज्यादा संवेदनशील है, इसलिए लोगों में गलत मैसेज न जाय क्योंकि उसका आपरेशन तो हुआ नहीं था इसलिए जल्दी में लगे हैं या तो मामला संवेदनशील होता है या कानून व्यवस्था की स्थिति हो यहाँ तो कानून व्यवस्था की स्थिति नहीं है लेकिन मामला संवेदनशील है, वहीँ जब पूंछा गया कि चिकित्सा विभाग की लापरवाही है तो कहे कि नहीं अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है क्योंकि अभी तो आपरेशन हुआ नहीं था, क्या हुआ नेचुरल हुई, प्राकृतिक हुई या अप्राकृतिक हुई मैं बार – बार बोल रहा हूँ कि राष्ट्रीय कार्यक्रम के दौरान हुई है मामला संवेदनशील है इसलिए जल्दी करवाना चाह रहे हैं |
जब इस मामले में मौजूद पुलिस से बात किया गया कि जिला अस्पताल को पुलिस छावनी क्यों बना दिया गया है तो उमरिया टी आई राकेश उइके का कहना है कि नहीं हास्पिटल को कोई छावनी नहीं बनाया गया है जो रूटीन का रहता है उसी के लिए आये थे तो अस्पताल चौकी को तहरीर प्राप्त हुई थी, कि एक नवविवाहिता है अमरपुर में नसबंदी शिविर लगा था उसके परिजनों का आरोप है कि डाक्टरों के द्वारा इंजेक्शन लगाने से मौत हुई है तो उसकी हकीकत जानने के लिए पंचनामा कार्यवाही नायब तहसीलदार से करवाया गया है और पी एम करवाया जाएगा, तो उसमें म्रत्यु का कारण क्लीयर हो जाएगा, जब तक पी एम नहीं हो जाएगा तब तक कुछ कह नहीं सकते |
गौरतलब है कि गरीब की बीबी डाक्टरों की लापरवाही की भेंट चढ़ गई और जिला प्रशासन, अस्पताल प्रशासन सभी मिल कर रातों – रात पोस्ट मार्टम करवा कर शव को भेज दिए वहीँ सबसे बड़ी बात तो यह है कि अमरपुर से भी डाक्टर द्वारा मृत महिला को ज़िंदा बता कर भेज दिया गया था, वहीँ जिला अस्पताल में 8 – 8 घंटे शव पड़े रहते हैं कोई पोस्ट मार्टम करने को नहीं आता और आज जब अपनी गलती हुई तो आनन – फानन में सारी व्यवस्थायें हो गई, और सबसे बड़ी बात तो यह है कि जब किसी कि रिफर के दौरान मौत हो जाती है तो एम्बुलेंस से तत्काल मृतक को नीचे उतार दिया जाता है और यहाँ अपनी गलती छिपाने के लिए रेड क्रास सोसाईटी द्वारा दी गई एम्बुलेंस से रातो – रात शव को रवाना कर दिए, ऐसे में दोषी के ऊपर कार्यवाई होनी चाहिए और पीड़ित को मुआवजा मिलना चाहिय्र, लेकिन स्वार्थी जिला प्रशासन में कौन गरीब की पुकार सुनेगा |