उमरिया 30 मई – जिला अस्पताल में डाक्टरों और स्टाफ के लोगों ने किया रक्तदान, एक मरीज को बिना खून के लौटने से दुखी होकर सभी ने किया रक्तदान, ब्लड बैंक में खून कम होने से बदला सभी का विचार और सी एम एच ओ ने किया रक्तदान की अगुवाई |
उमरिया जिला अस्पताल में एक मरीज को बिना खून के लौटने से बदला सभी का विचार | उमरिया जिले के सी एम एच ओ और जिला अस्पताल के सिविल सर्जन को पता चलते ही सभी ने मिल कर निर्णय लिया कि यदि कोई रक्तदान नहीं करता है तो हम लोग ही रक्तदान कर ब्लड बैंक में खून की पूर्ती करेंगे |
सी एम एच ओ डाक्टर राजेश श्रीवास्तव और सिविल सर्जन डाक्टर ब्रजेश कुमार प्रजापति का कहना है कि हमारे अस्पताल के ब्लड बैंक में मात्र 22 यूनिट खून होने के कारण गरीब मरीजों को जिनके पास खून देने की व्यवस्था नही होती है लौटना पड़ता है और कल एक मरीज को खून न होने के कारण वापस जाना पडा उसकी जिन्दगी का सवाल होने के चकरान हम लोगों ने निर्णय लिया कि अब हम खुद अपना खून देकर ब्लड बैंक में खून की पूर्ती करेंगे और सी एम एच ओ ने अगुवाई कर सभी को खून देने के लिए प्रोत्साहित कर रक्तदान करवाया | डाक्टरों और जिला अस्पताल की इस पहल से किसी मरीज को बिना खून के नहीं लौटना पडेगा और जरूरतमंद की जिन्दगी बचाई जा सकेगी |
हालाँकि रक्तदान से बढ़ कर कोई दान नही है डाक्टरों का यह प्रयास देख कर और भी रक्तदाता सामने आयेंगे और किसी की जिन्दगी बचाई जा सकेगी यदि सभी लोग ऐसा ही सोच रखें तो लोगों को खून की कमी से मौत के मुंह से बचाया जा सकता है | जबकि रक्तदान करने से 3 माह में उतना ही रक्त शरीर में फिर से तैयार हो जाता है और शरीर भी स्वस्थ्य रहता है, आवश्यकता है लोगों को जागरुक होकर रक्तदान करने की |
सुरेन्द्र त्रिपाठी