उमरिया 31 मार्च – शहडोल संसदीय क्षेत्र से सांसद रहे ज्ञान सिंह के पक्ष में सड़कों पर उतरे लोग जम कर किये नारे बाजी कहे हम ज्ञान सिंह के साथ हैं पार्टी फिर से करे विचार नहीं तो हारेगी हिमाद्री सिंह, बाहरी प्रत्याशी नहीं है स्वीकार |
उमरिया जिला मुख्यालय स्थित स्टेशन राम लीला मैदान में सैकड़ों की तादात में दूर – दूर से अपने साधनों से आये भाजपा कार्यकर्ता बगावत पर उतर आये खुल कर नारे बाजी किये और कहे की हमको बाहरी प्रत्याशी स्वीकार नहीं है, जिसके पिता को 2 बार ज्ञान सिंह हराए और 1 बार उसको भी पटकनी दिए हैं कल तक कांग्रेस का चेहरा रही और आज अचानक भाजपा में आते ही पार्टी शहडोल संसदीय क्षेत्र से टिकट देकर चुनाव लड़ा रही है जिसको हम स्वीकार नहीं कर सकते हैं हमको हमारा नेता ज्ञान सिंह ही चाहिए नहीं तो बहुत वोटों से हारेगी पार्टी हम सब ज्ञान सिंह के साथ हैं और निर्दलीय चुनाव लड़ा कर जिताएंगे | यदि पार्टी को शहडोल सीट चाहिए तो ज्ञान सिंह को टिकट दे | भाजपा कार्यकर्ता कृष्ण पाल सिंह कहे कि जो व्यक्ति सन 1977 से पार्टी के लिए काम करता आया है और विषम परिस्थितियों में भी पार्टी के साथ खड़े रहे उनको कहा गया कि आप जाइए अपना काम कीजिये 19 मार्च को उनको भेजा जाता है 21 मार्च को पार्टी कांग्रेस से आई हिमाद्री सिंह को टिकट दे देती है संगठन का यह निर्णय बहुत गलत है और पार्टी उनको यदि टिकट नहीं देती है और वो निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे तो हम सब पार्टी से हट कर ज्ञान सिंह का समर्थन करेंगे हम हिमाद्री सिंह को बहुत बुरी तरह हराएंगे और निर्दलीय ज्ञान सिंह को जिताएंगे | वहीँ रवि विश्वकर्मा कहे कि हम लोग अपने प्रत्याशी ज्ञान सिंह जी के लिए एकत्रित हुए हैं जो ४५ सालों से लगातार कांग्रेस को नेस्तनाबूद किया था और आज उसी नेता को हमारे संगठन ने टिकट नहीं दिया इससे हम सब दुखी हैं संगठन से मांग कर रहे हैं की पुनः विचार करे और हमारे वर्त्तमान सांसद ज्ञान सिंह को टिकट दिया जाय अगर पार्टी टिकट नहीं देती है तो ज्ञान सिंह जी निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे और हमारे पूरे संभाग के कार्यकर्ता उनको विजयी बनायेंगे और जीता कर लायेंगे | इसी तरह रमेश सोनी, के के सिंह और अन्य पार्टी कार्यकर्ताओं ने कहा की संकट के घड़ी में जिसने पार्टी को जीत दिलाया उस आदमी को पार्टी ने टिकट न देकर कल तक कांग्रेस में रहने वाली पैराशूट महिला को प्रत्याशी बनाया गया है जिसका हम सब विरोध करते हैं जब उप चुनाव में पार्टी के बड़े नेता हिमाद्री सिंह के आगे – पीछे घूमा रहे थे की पार्टी में आ जाओ तो उसको ठुकरा दी और आज उसी को पार्टी में लाकर तत्काल टिकट दे दिए, वहीँ नरेन्द्र मराबी जो कल अपनी पत्नी का प्रचार पार्टी से बगावत करके कर रहा था और कहा कि पति धर्म निभा रहे हैं और आज उसी के कहने पर या किसी नेता के कहने पर उसको टिकट दे दिया गया है जिसको हम स्वीकार नहीं कर सकते हैं हम भाजपा का विरोध करेंगे और ज्ञान सिंह को निर्दलीय चुनाव लड़ा कर जिताएंगे और दिखा देंगे की कार्यकर्ताओं और क्षेत्र की जनता में कितना दम है |
आपको बता दें की भाजपा के कद्दावर आदिवासी नेता ज्ञान सिंह 1977 से लगातार चुनाव जीतते चले आ रहे हैं और प्रदेश में या देश में किसी की सरकार रही हो ज्ञान सिंह के सेहत पर कोई फर्क नहीं पडा वो हमेशा ही पार्टी की सीट को जीत कर सुरक्षित रखे हैं ऐसे कद्दावर नेता को टिकट न मिलने से क्षेत्र में काफी आक्रोश है कहीं ऐसा न हो की उनको टिकट न मिलने से पार्टी हार जाय |