Home भ्रष्टाचार उपार्जन का गेंहू खरीदी घोटाला खरीदी प्रभारी और प्रशासक का खेल

उपार्जन का गेंहू खरीदी घोटाला खरीदी प्रभारी और प्रशासक का खेल

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उमरिया – जिले में घोटालों की कमी नही है, खास कर मानपुर विधानसभा क्षेत्र में। आपको पहले बता चुके हैं कि सहकारिता, खाद्य और ट्राईवल में बड़े – बड़े घोटाले हैं, जब मुख्यमंत्री उमरिया प्रवास पर आए थे तब मीडिया ने इन्ही तीनो विभाग में हो रहे घोटालों के बारे में बात करना चाहा तो वापस मुड़ कर चल दिये थे जिससे लगता था कि सारे घोटाले उनके संज्ञान में हो रहे हैं और उनकी मूक सहमति है। आपको पूर्व में कोटरी खरीदी केंद्र के अंतर्गत आने वाले खरीदी केंद्र बरा में आपरेटर, प्रबंधक और प्रशासक की मिलीभगत से बड़े घोटाले की जानकारी दी गई थी।


अब जरा दूसरे खरीदी केंद्र डोडका के अंतर्गत आने वाले खरीदी केंद्र कुम्हरवाह का हाल बताते हैं। यहां भी प्रबंधक, खरीदी प्रभारी और प्रशासक मिल कर किसानों को जम कर लूटे हैं।


जब इसकी जानकारी युवा नेता अजेश चौधरी को हुआ तो उनके द्वारा दिनांक 18/05/2023 को जिले के कलेक्टर, जिला आपूर्ति अधिकारी को लिखित में शिकायत दिया कि यहां किसानों से 1 किलो अधिक अनाज लिया जाता है, उसके अलावा 10/- प्रति बोरी हम्माली और 1/- प्रति बोरी सिलाई का पैसा वसूला जाता है।
अब आगे का खेल देखिए,जिला आपूर्ति अधिकारी बी एस परिहार शिकायत मिलते ही फार्म में आये और जांच उन्ही सहकारिता निरीक्षक चन्द्र मणि द्विवेदी को सौंप दिए जो उसी समिति के प्रशासक हैं।

जिला आपूर्ति अधिकारी और सहकारिता निरीक्षक की सांठ गांठ बहुत तगड़ी होने के कारण उन्ही की जांच उनको सौंप दी जाती है। अब जांच सौंपी गई तो औपचारिकता तो निभानी ही पड़ती, तो चन्द्र मणि द्विवेदी गए और लगभग 25 लोगों के बयान दर्ज किए जो सभी लोगों ने बताया कि हमसे अवैध तरीके से पैसे वसूले गए।

अब दूसरा खेल आपूर्ति अधिकारी की सह पर शुरू हुआ जिसमें अजेश चौधरी और सभी किसानों को खरीदने का प्रयास चन्द्र मणि द्विवेदी और समिति प्रबंधक इन्द्र भवन द्विवेदी द्वारा किया जाने लगा।

जिसकी सूचना अजेश चौधरी द्वारा थाना प्रभारी मानपुर, कलेक्टर और जिला आपूर्ति अधिकारी को लिखित में दी गई लेकिन उस पर कोई कार्रवाई न होकर उल्टे खरीदी प्रभारी द्वारा अपने हिमायतियों को लाकर जिले के कलेक्टर के पास सफाई पेश करवाई गई।
गौरतलब है कि भ्रष्टाचार करने वालों पर जिले में कार्रवाई न होकर शिकायतकर्ता को परेशान करने के तरीके निकाले जाते हैं, ऐसे में तो साफ झलकता है कि प्रदेश के मुखिया मात्र दिखावा के लिए मंच से चिल्लाते हैं कि भ्रष्टाचारियों को बख्शा नहीं जाएगा। जहां जनता इन भ्रष्टाचारियों से त्रस्त है वहां विधानसभा चुनाव में क्या होगा।

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