उमरिया – जिले को यदि भ्रष्टाचार का जिला कहें तो कोई अतिश्योक्ति नही होगी। जिस तरफ नजर दौड़ाएंगे हर तरफ बस भ्रष्टाचार ही नजर आएगा। चाहे कोई सरकारी विभाग हो या अर्धसरकारी हो या कोई भी हो हर तरफ एक ही चीज नजर आएगी वह है भ्रष्टाचार। एक तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री छाती ठोक कर हर मंच से कहते हैं कि हमारे प्रदेश में किसी तरह का भ्रष्टाचार नही हो सकता है, जहां से सूचना मिले तत्काल उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और सेवा समाप्त की जाएगी।
मुख्यमंत्री की बातों को सुन कर प्रदेश की जनता प्रसन्न हो जाती है कि अब हमको भ्रष्टाचार से मुक्ति मिल जाएगी, लेकिन लोगों को क्या पता कि मुक्ति नही बल्कि उस दलदल में और गहरे तक फंसते जा रहे हैं।
जी हां हम बात कर रहे हैं उमरिया जिले के विभागों में फैले भ्रष्टाचार का, एक दो अधिकारी ईमानदार आ भी गए तो क्या होता है। प्रदेश में सरकार भाजपा की नगर पालिका में सीएमओ भाजपा की भले परिषद कांग्रेस की ही हो, लेकिन उनका उद्देश्य तो कांग्रेस को परेशान करने का ही है, लेकिन यहां तो उल्टा ही नजर आता है, कांग्रेस की परिषद तो समय के साथ चुप रह कर समय काट रही है लेकिन भाजपा के पार्षद ही अपनी सरकार में अपने सीएमओ से परेशान हैं।
परेशानी भी थोड़ी नही है, भारी परेशान हैं।
इसीलिए सीएमओ ज्योति सिंह के द्वारा किये जा रहे भ्रष्टाचार की शिकायत अब नगर पालिका परिषद से बाहर मीडिया तक पहुंच गई है, इतना ही नही जिले के कलेक्टर को आवेदन देकर किसी दूसरे को प्रभार देकर जांच करवाने की मांग कर डाले। वहीं अपने आवेदन में यह भी बताए हैं कि पूर्व में ये जहां रही हैं वहां भी इनका यही कारनामा रहा है।
ऐसे में तो मुख्यमंत्री की सारी भ्रष्टाचार समाप्त करने की बात महज छलावा ही लगती है। जिले में जनजातीय कार्य विभाग, खाद्य विभाग, सहकारिता विभाग, जल संसाधन विभाग, लोक निर्माण विभाग, लोक निर्माण पीआईयू विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, फलोद्यान वानिकी विभाग, आबकारी विभाग कहाँ तक गिनाया जाय जिस विभाग में देखें वहीं भारी भ्रष्टाचार मचा हुआ है और जिले की मंत्री हों या प्रदेश के मुख्यमंत्री हो सभी निरीह हैं, कुछ भी नही जानते हैं, बस इतना जानते हैं कि अपनी झोली भर लो बाकी जनता जाय भाड़ में।
अब खुद पढ़िए क्या आवेदन पार्षदों ने दिया है।
निवेदन है कि श्रीमती ज्योति सिंह, मुख्य नगर पालिका अधिकारी एवं श्री देव कुमार गुप्ता उपयंत्री अपने पदस्थापना दिनांक से वर्तमान तक लेखा नियमों के विपरीत घटिया तथा अधिक दरों पर एक गीजर सीमेंट की कुर्सी ट्री गार्ड, डस्टबिन, कार्टून डस्टबिन सेनेटाईजर मास्क सी०सी० टी०वी० कैमरा ब्लीचिंग पाउडर सामग्री जलप्रदाय सामग्री विसर्जन कुण्डों का निर्माण, आदि सामग्री क्रय कर व्यापक भ्रष्टाचार किये के संबंध में –
यह कि नगर पालिका उमरिया में 1-1 लाख के अंदर खण्ड-खण्ड कर फाइलें तैयार कर निर्माण कार्य एवं सामग्री क्रय की जा रही है। जबकि उक्त निर्माण का कार्य माह में सिर्फ 02 बार ही किया जा सकता है । क्रय की कार्यवाही के विषय अलग-अलग होने चाहिए नवीन लेखा नियम 2016 के अनुसार खंड खंड स्वीकृति नही जायेगी तथा 01 लाख के अंदर के कार्य माह में सिर्फ 02 बार ही किया जा सकता है। क्रय की गई कार्यवाही नियम विरूद्ध है।
यह कि इसी प्रकार मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा 20-20 हजार रूपये के 05 बार से अधिक कई भुगतान किए गए है तथा एक ही विषय के लिए किये गये है। नवीन लेखा नियम अनुसार कार्य माह में केवल 5 बार ही किया जा सकता है। किन्तु यहाँ भी नियम का पालन नहीं किया जा रहा है। नियमों के विपरीत कार्य किया गया है।
यह कि सामग्री खरीदी में भी शासन के नियमानुसार निर्धारित निविदा समिति का भी पालन नहीं किया जा रहा है।
निर्धारित समिति के सदस्यों को न रखकर स्वयं द्वारा निर्धारित निविदा समिति बनाकर गुणवत्ताविहीन एवं अधिक दर पर सामग्री का क्रय किया गया है जो नवीन कसा नियमों के विपरीत है
यह कि 1-1 लाख रूपये के अंदर की खरीदी कार्यों की निविदा निकाली जाती है। जिसमें पर्याप्त प्रतिस्पर्धा नहीं होती । टेबिल टेण्डर होने के बावजूद भी स्थानीय व्यापरियों को इसकी जानकारी नही होती बल्कि इनके द्वारा अपने चहेते बाहर के ठेकेदारों को बुलाकर उनसे मनमानी कोटेशन प्राप्त कर अधिक दरों में घटिया सामग्री क्रय किया जाकर भुगतान किया गया है।
यह कि मुख्य नगर पालिका अधिकारी को प्राप्त वित्तीय अधिकार के 50 प्रतिशत या अधिक की राशि स्वीकृत करने के आद अपने वरिष्ठ को इसकी जानकारी देनी चाहिए। किन्तु इसकी जानकारी भी वरिष्ट को नहीं दी गई। जो नियम का खुला उल्लधन है ।
इसी तरह अन्य मुद्दे भी हैं।
यह है कि इनसे नगर पालिका के श्रमिकों द्वारा अपने घर का कार्य कराया जाता है।
यह कि मुख्य नगर पालिका अधिकारी आवास में स्वयं के उपयोग के लिए 02 ए०सी०, 02 आर ओ 01 गीजर फनीचर एवं अन्य सामग्री अपने आवास में नियम विरूद्ध तरीके से कर्मचारियों के सांठ-गांठ से लगवाए गए है जबकि आवास में पूर्व में 03 ए0सी0 लगे हुए है जिनका कोई अता-पता नहीं है। यह जो सामग्री ली गई वह भी आवास में है अथवा नहीं, इसमें संदेह है । नियम में निजी उपयोग के लिए उपरोक्त विलासिता की सामग्री क्रय किये जाने के प्राधवान नहीं है । सामग्री क्रय कर नगर पालिका को आर्थिक क्षति पहुँचाई गई है ।
यह कि मुख्य नगर पालिका अधिकारी एवं उनके सहयोगी द्वारा सी०एम०ओ० आवास की निर्मित गैरेज बिना स्वीकृति के तोड़कर आवास के अंदर कार्यालय निर्मित किया गया है।
अतः निवेदन है कि श्रीमती ज्योति सिंह, मुख्य नगर पालिका अधिकारी उमरिया द्वारा पूर्व में पदस्थापना स्थलों में भी भ्रष्टाचार किया है । जिसकी जाँचे चल रही है। नियम विरूद्ध तरीके से लगभग 50.00 लाख रू0 के किये गये कार्य एवं भ्रष्टाचार की तत्काल जॉच कराई जाये तथा इनसे जाँच प्रभावित न हो, पदस्थापित निकाय से तत्काल अन्य स्थल पर पदस्थापित करने की कृपा करें।
अब आप इस आवेदन को देख कर स्वयं अनुमान लगा सकते हैं कि नगर पालिका में किस तरह से भ्रष्टाचार किया जा रहा है और उसका भार आम जनता पर टैक्स वृद्धि के रूप में पड़ता है।