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बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में फिर बाघ ने खाया एक महिला को

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सुरेन्द्र त्रिपाठी

उमरिया 29 सितम्बर – जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के मगधी रेंज के ग्राम पठारी में बाघ ने महिला को खाया, कल दोपहर की घटना, आज मिला शव, वन विभाग की लापरवाही, पुलिस और वन विभाग के अधिकारी पंहुचे देर से, गांव में दहशत का माहौल।
उमरिया जिले का बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व एक बार फिर आया सुर्खियों में वैसे दो ही मामले में ये टाइगर रिजर्व सुर्खियों में आता है या तो बाघों की मौत का मामला हो या फिर इंसान के मौत का, टाइगर के मौत के मामले में तो अभी 4 दिन पहले सुर्खियों में आ चुका है लेकिन आज इंसान की मौत का मामला सामने आया है, टाइगर रिजर्व के कोर जोन अंतर्गत आने वाले मगधी रेंज के पठारी बीट के कक्ष क्रमांक आर एफ 268 के अमराडाँड़ हार में कल दिन में ग्राम पठारी निवासी 55 वर्षीया महिला मालती बाई बैगा आंवला तोड़ने गई और उसी समय बाघ ने हमला कर मौत के घाट उतार दिया, बाद में महिला के शरीर का कुछ हिस्सा भी बाघ खा गया।

प्रेम लाल बैगा

घटना के बारे में मृतिका के पुत्र प्रेम लाल बैगा ने बताया कि कल आंवला तोड़ने गई थी शाम को जब घर नही आई तो हम लोग तलाश किये वन विभाग को सूचना दिए और फिर रात भर तलाशते रहे नही मिली आज सुबह साढ़े 7 बजे करीब मिली है, वन विभाग के चौकीदार लोग और गांव वाले साथ मे तलाश करवाते रहे, अधिकारी अभी 11 बजे आये हैं अभी कोई सहायता राशि नही मिली है।

अशोक यादव

वहीं गांव के ही अशोक यादव ने बताया कि महिला आंवला तोड़ने गई थी बाघ खा लिया है, वन विभाग की लापरवाही से दूसरी घटना हो गई है अब तो गांव में बाघ घुसता है, दूसरी तरफ हाथी पूरी फसल चौपट कर रहे हैं, वन विभाग कोई भी मदद नही कर रहा है।

पंकज दुबे रेंजर

इस मामले में जब मगधी रेंज के रेंजर पंकज दुबे से बात किया गया तो कहे कि हमारी टीम लगी थी आर एफ 268 में महिला को बाघ ने खाया है अभी तात्कालिक सहायता राशि 4 हजार रुपये शाम तक चेक से दे देंगे वहीं कहे कि जल्दी बाकी रकम भी मिल जाएगी वहीं देर से पहुंचने के मामले में डॉक्टरों की टीम पर देर का ठीकरा फोड़े, लेकिन जब उनसे पूंछा गया कि आप जिम्मेदार होकर 11 बजे के बाद आये हैं तो चुप्पी साध गए।

घटना स्थल पर लोग


गौरतलब है कि वन विभाग और पार्क प्रबंधन की इन्ही लापरवाही और अनदेखी के चलते ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ता है और प्रशासन बाद में सारा दोष ग्रामीणों के सर मढ़ देता है, आवश्यकता है पार्क के उच्च अधिकारियों को सख्त होने की।

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