सुरेन्द्र त्रिपाठी
उमरिया 7 अगस्त – भाजपा के शासनकाल में भाजपा समर्थित सरपंच भाजपा विधायक व प्रदेश की कैबिनेट मंत्री से प्रताड़ित होकर राष्ट्रपति से अपने पूरे परिवार सहित इच्छा मृत्यु की मांग करें तो पार्टी और देश के लिए चिल्लू भर पानी में डूब मरने जैसे बात होगी वहीं केंद्र की सरकार यह कहते नहीं सकती कि सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास आइए देखते हैं उमरिया से ग्राउंड रिपोर्ट ।

मामला उमरिया जिले के मानपुर विधानसभा के ग्राम पंचायत करौंदी टोला के सरपंच से जुड़ा है जो लगातार कई पंचवर्षीय से सरपंच रहे हैं, व जनपद उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं उन्होंने उमरिया कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर देश के राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंप कर पूरे परिवार सहित इच्छा मृत्यु की मांग की है साथ ही यह भी कहा कि अगर 2 अक्टूबर से पहले निराकरण नहीं होता तो मैं पूरे परिवार के साथ कलेक्ट्रेट परिसर में 2 अक्टूबर को आत्मदाह कर लूंगा। मुन्ना सिंह उर्फ सुरेश सिंह बताये कि पिछले पंचवर्षीय में मेरी पत्नी ग्राम पंचायत बिजौरी की सरपंच थी इस पंचवर्षीय में मैं ग्राम पंचायत करौंदी टोला का सरपंच हूँ 10 वर्ष बीत गए, इस 10 वर्ष में मध्यप्रदेश शासन की कैबिनेट मंत्री मीना सिंह जी द्वारा लगातार प्रताड़ित किया गया, पिछले पंचवर्षीय में मानपुर बस स्टैंड में सैकड़ों लोगों के सामने मेरे को मीना सिंह जी के द्वारा गाली गलौच किया गया जिसकी सूचना भी मेरे द्वारा थाने में दिया गया, इस पंचवर्षीय में उनके कुछ आदिवासी रिश्तेदार द्वारा मेरे पट्टे आराजी की जमीन जुतवा दी गई, पंचायत की बार – बार शिकायत कराई जा रही है, धमकी दी जा रही है, एक – एक दिन मुश्किल से बीत रहा है, और रही भ्रष्टाचार की बात तो वो अपने विधानसभा में जितनी पंचायत हैं उन सभी की जांच करवा लें, यदि अन्य पंचायतों से अच्छा काम नही निकला तो मेरे को फांसी की सजा दे दें, जहां तक विकास की बात है तो 3 पंचवर्षीय से वो भी हमारे यहां विधायक हैं, उनको भी विकास निधि की राशि मिली है, यदि वो खुद ईमानदार है तो कहाँ – कहाँ विधायक निधि से निर्माण कार्य हुआ है इसकी सूची सार्वजनिक करें तथा स्वेच्छानुदान की राशि किसको – किसको दी हैं उसकी सूची भी सार्वजनिक करें तो पता चल जायेगा कि कौन चोर है और कौन ईमानदार है, अभी हम चाह रहे हैं कि सभी की जांच करवाई जाय तो पता चल जाएगा, अभी हम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिए हैं कि मैं और मेरा परिवार इतना प्रताड़ित हो गया है कि अगर 1 माह के भीतर निराकरण नही किया गया तो 2 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन सपरिवार कलेक्टर कार्यालय के सामने आत्मदाह करेंगे।

वहीं मानपुर के जनपद अध्यक्ष राम किशोर चतुर्वेदी ने बताया कि भाजपा के कार्यकाल में भाजपा की मंत्री से भाजपा कार्यकर्ता स्वयं प्रताड़ित है यह पहला मामला नहीं है ऐसे कई कार्यकर्ता हैं जो भाजपा से प्रताड़ित हैं मंत्री के खिलाफ कोई बोलना नहीं चाहता लोग इनसे भय खाते हैं। सुरेश सिंह लगातार 30 – 35 साल से सरपंच हैं कहीं ये कहीं इनकी पत्नी यदि ये काम नही करते तो लगातार सरपंच नही रहते, इनको कई बार सार्वजनिक रूप से अपमानित किया गया है, ये भर नही कई ऐसे लोग हैं जो इनके द्वारा अपमानित किये गए हैं, दूसरा आदमी होता तो आत्महत्या कर लिया होता, लगातार इनकी शिकायत की जाती है, जेसीबी किसी की चले शिकायत इनकी होती है, कुल मिला कर सवर्णों से बुराई मानती हैं, ये वर्ग विशेष को बढ़ावा देकर दूसरे को परेशान करती हैं, भाजपा के कार्यकर्ता भाजपा से ही प्रताड़ित हैं, हमारे क्षेत्र में बिजली के लिए लोग तरस रहे हैं, उससे उनको कोई मतलब नहीं है। ये समाज मे वर्ग विशेष को मीठी मीठी बात कर अपने पक्ष में करना चाहती हैं ताकि इनको लाभ मिलता रहे।

वह इस मामले में मध्य प्रदेश शासन की कैबिनेट मंत्री मीना सिंह का कहना है कि इस मामले में मेरा कोई लेना देना नहीं है, साथ ही जिले के कलेक्टर को अपने लेटरपैड में पत्र भी लिख रही हैं। वहीं दूसरी ओर यह भी कह रही हैं कि वो भाजपा का नही है, गांव वालों ने कहा कि मेढ़ बंधान, खेत तालाब का पैसा मजदूरों के नाम से निकला है, और कौन ले लिया यह पता नही है, वहीं अपनी कमी छिपाने के लिए गांव वालों का नाम लगाते हुए कहीं कि गांव वालों ने समूहिक रूप से सूचना के अधिकार का आवेदन लगाया कि 2014 से अभी तक की सभी जानकारी मांगे हैं, सभी बीपीएल के लोग हैं, 4 माह से अभी तक जानकारी नहीं दे पा रहे हैं, मैं सभी से स्नेह रखती हूं मेरा मानपुर में कोई रिश्तेदार नहीं है मुझे बदनाम किया जा रहा है मैं अपने कार्यकर्ताओं का पूरा पूरा ख्याल रखती हूं।

बगैर आग लगे धुंआ नहीं उठता साहब । आग लगती है तभी धुआं उठता है । मंत्री जी भले अपने ऊपर लगे आरोपों का खंडन कर रही है लेकिन सवाल यह उठता है कि आप भी जनप्रतिनिधि हैं तो सरपंच भी चुनकर ही आता है, मंत्री जी अपने रौब और रुतबे के सामने यह भूल गई कि वह पार्टी का कार्यकर्ता भी रह चुका है इसी को कहते हैं कि जब अपना कद बढ़ता है तो नीचे का आदमी दिखाई नहीं देता मगर चुनाव में कार्यकर्ता को ही पूजा जाता है।
