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लगातार बढ़ रहे कोरोना के मरीज, सी एम एच ओ की लापरवाही से लोग परेशान

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सुरेन्द्र त्रिपाठी

उमरिया 16 अगस्त – जिले मे नही थम रहा कोरोना का कहर शतक की तैयारी में जिला, लगातार कोरोना पॉजिटिव के मरीजों में हो रहा है इजाफा, आज 4 लोग निकले कोरोना पॉजिटिव, जिसमें सभी लोग पाली ब्लाक के हैं, 1 चांदपुर, 1 पाली नगर और 2 लोग एम पी ई बी कालोनी पाली के हैं, जिले में अब कुल संख्या हुई 77 जिसमें अब तक 2 की हो चुकी है मौत, एक्टिव केसों की संख्या हुई 31 अब तक स्वस्थ्य हुए लोगों की संख्या 44 है। पेंडिंग रिपोर्ट की संख्या 366 है। वहीं पाली थाना भी हुआ सील एक आरोपी के कोरोना पॉजिटिव आने से पाली थाने के 33 लोगों के सैम्पलिंग की प्रक्रिया जारी है। वहीं अगर देखा जाय तो लगातार कोविड 19 के नाम पर आ रहे बजट का हो रहा है खेल, जिसमें सी एम एच ओ और उनके गुर्गे लिप्त हैं, सूत्रों की माने तो अभी जिले के स्वास्थ्य विभाग को 43 लाख रुपये की राशि प्राप्त हुई है जिसके बंदर बांट की प्रक्रिया भी चालू है। वहीं अगर दूसरी तरफ नजर दौड़ाएं तो जानकारी के मुताबिक जिले में ट्रू नॉट मशीन से मात्र 60 सैम्पलों की ही जांच की जाती है, 40 सैम्पल जांच के लिए शहडोल भेजे जाते हैं और बाकी सैम्पल इंदौर की निजी कम्पनी सुप्राटेक को जांच के लिए भेजे जाते हैं, जिसकी गाड़ी रोज आकर सैम्पल लेकर चली जाती है। वहीं जानकारी के मुताबिक पड़खुरी निवासी कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति की रिपोर्ट 12 दिन बाद आई वहीं घंघरी के कई लोगों की रिपोर्ट 6 दिन बीतने के बाद भी नही आई। यदि देखा जाय तो सी एम एच ओ की लापरवाही का ही परिणाम है। जिला अस्पताल में कोई भी ऐसा काउंटर नही बनाया गया है जहां से व्यक्ति अपनी जांच रिपोर्ट ले सके। सैम्पल देने के बाद लोगों को इस कमरे से उस कमरे तक भटकना पड़ता है बाद में नतीजा शून्य निकलता है, और कह दिया जाता है कि आपकी रिपोर्ट नही आई है, अब सवाल यह उठता है कि जांच रिपोर्ट क्यों नही आई है, इसका जबाब देने वाला कोई जिम्मेदार नही है। यदि जांच कराने के बाद व्यक्ति को कोई तकलीफ नही है और वो चारो तरफ घूमता रहता है और बाद में उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई तो उसके संपर्क में आने वाले कितने लोग होंगे उसको खुद को पता नही होगा। प्रदेश स्तर पर जिस कंपनी को कोविड 19 के जांच के लिए नियुक्त किया गया है उसके बारे में सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एक जांच का दो से ढाई हजार रुपए लेता है और सी एम एच ओ से सांठ – गांठ कर अधिक से अधिक सैम्पल लेकर जाता है, जिसमें अच्छा खासा कमीशन भी देता है लेकिन समय पर रिपोर्ट न देकर लोगों को परेशान कर रहा है। ऐसे में तो लगता है कि कोरोना के नाम पर बस पैसों का खेल चल रहा है और लोगों में भय व्याप्त किया जा रहा है। वहीं जिले के सीधे सादे कलेक्टर साहब को सी एम एच ओ द्वारा भ्रामक जानकारी देकर बरगलाया जा रहा है, यदि कलेक्टर महोदय जमीनी सच्चाई जानने का प्रयास करें तो पूरी फिल्म साफ हो जाएगी और अपनी कलम टाईट कर कार्यवाई शुरू कर दें तो जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था पटरी पर आ सकती है। यदि देखा जाय तो जिला अस्पताल में लोग मजबूरी में जा रहे हैं, जिधर भी नजर करें या जिस तरफ से निकालें तो उधर गंदगी और बदबू का आलम मिलेगा। ऐसे में लोगों की जिले के कलेक्टर से अपेक्षा है कि कोरोना और जिला अस्पताल की तरफ ध्यान दें और सी एम एच ओ की हकीकत जानने का प्रयास के कार्यवाई करें ताकि आम जनता को राहत मिल सके, वैसे तो उमरिया जिले की हालत देख कर प्रदेश के मुखिया की हर घोषणा और बात बेमानी लगती है।

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