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बिजली बिना किसान परेशान, दिए आंदोलन की चेतावनी

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सुरेन्द्र त्रिपाठी

उमरिया 24 जुलाई – प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह कहते हैं कि मैं किसान का बेटा हूं और इधर किसान की फसल सूखने को आ गई है वहीं जिले की मानपुर विधायक प्रदेश सरकार में आजाक मंत्री होने के बाद भी जिले के किसान परेशान हैं साथ ही बिजली पानी और यूरिया खाद नहीं मिलने से किसान आक्रोशित हैं कहीं वह बिजली विभाग के चक्कर काट रहे हैं तो कहीं जिला कलेक्टर कार्यालय की तरफ भटक रहै है इनका कोई सुनने वाला नहीं है किसान कर्ज लेकर खेती करता है और मूलधन भी नहीं निकाल पाता ऐसे में खेती कैसे लाभ का धंधा बनेगा।

सूखी हुई फसल


उमरिया जिले के चंदिया तहसील से लगे गांवों के किसान इन दिनों बिजली एवं पानी की समस्या से जूझ रहे हैं यहां के किसानों को पर्याप्त बिजली व पानी नहीं मिलने के कारण फसल सूखने की कगार में हैं किसान रो रहा है कि बिजली पानी यूरिया खाद नहीं मिली तो हमारी फसल सूख जाएगी । इस मामले में किसान सुरेश काछी का कहना है कि हम लोगों की फसल सूख रही है, बिजली नही मिल रही है, सावन माह निकल रहा है, पानी नही गिर रहा है, बिजली नही मिल रही है, फसल नही होगी बाल – बच्चे मर जायेंगे तो क्या करेंगे, पानी नही मिल रहा है, बिजली नही मिल रही है, यूरिया नही मिल रही है, शिवराज जी कहते हैं कि हम किसान के बेटा हैं, क्या बेटा है हम लोगों की फसल सूख रही है, जे ई और डी ई बस आश्वासन देते हैं इसीलिए हम कलेक्टर साहब से निवेदन करने आये हैं कि हमारी समस्या हल किया जाय।

पुष्पेन्द्र सिंह

वही किसान पुष्वेन्द्र सिंह का कहना है कि हम लोग ग्राम पथरहटा से आये हैं, हमारे यहां 15 दिन से बिजली बंद है, 1 माह से तो आती जाती रही, हम चंदिया जे ई साहब, उमरिया डी ई साहब के पास जाते हैं तो बस आश्वासन दिया जाता है, धान रोपने का समय निकल गया और अभी रोपने को बचा है, बिजली नही मिल रही है, किसान भूखों मरने की कगार पर आ गया है, यदि बिजली नही मिली और फसल नही हुई तो किसान आत्महत्या न कर लें, यदि बिजली नही मिली तो हम लोग सड़कों पर उतरेंगे, आंदोलन करेंगे

कलेक्टर कार्यालय में आये किसान

जब चंदिया विद्युत मंडल जाते हैं या कलेक्टर कार्यालय जाते हैं तो मात्र आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिलता अगर किसानों की फसल सूख गई तो किसान रोड में आ जाएंगे और आंदोलन की राह को अपनाएंगे।

चंदिया कार्यालय


प्रशासनिक अमला किसानों को आश्वासन देकर वापस कर देता है हम जल्द से जल्द बिजली के खराब ट्रांसफर सुधार करके बिजली की व्यवस्था को दुरस्त कर देंगे।

एल के नामदेव

इस मामले में डी ई विद्युत मंडल का कहना है कि शासन के निर्देशानुसार 10 घंटे बिजली किसानों को बिजली दिया जाना है, यहां किसान बहुल एरिया है और यहां फीडर सेपरेशन का काम हुआ नही है, इसलिए यहां 1 हफ्ते से लोड की ज्यादा समस्या आ रही है, अभी कौड़िया सब स्टेशन निर्माणाधीन है, 31 जुलाई तक इसको कंप्लीट होने का शेड्यूल है, जैसे ही 31 जुलाई को कंप्लीट हो जायेगा वैसे ही बोल्टेज की समस्या का निदान हो जाएगा, पथरहटा में ट्रांसफार्मर फेल की समस्या है सभी जगह शासन के नियमानुसार 3 दिन में बदले जा रहे हैं।

कलेक्टर से चर्चा करते


गौरतलब है कि जिले में फीडर सेपरेशन का काम पूर्व में किया जा चुका है उसके बाद भी अपनी कमी को छिपाने के लिए विद्युत विभाग के अधिकारी फीडर सेपरेशन का बहाना बता रहे हैं वहीं महीनों से परेशान किसानों को झूठा बता कर 3 दिन से खराब होने की बात कर रहे हैं। वैसे कहने को तो किसान को अन्नदाता कहते हैं और शासन प्रशासन इनके कंधे पर सवार होकर प्रदेश में अधिक मात्रा में खेती करने का दावा कर अपनी तस्वीर टीवी चैनल और अखबार में अपना फोटो छपवाकर नाम कमाते हैं मगर किसान कैसे अपने खून पसीने को बहाकर अन्न उगाता है यह एसी में बैठने वाले नेता और अधिकारी नहीं जानते और वो लोग यह कहते नहीं थकते की खेती को लाभ का धंधा बनाउँगा और मैं किसान का बेटा हूं यह कैसे संभव है यह तो शिव ही जानता है।

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