उमरिया – जिले के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के अध्यक्ष निपेन्द्र सिंह ने बताया कि हम लोग पूर्व में भी हड़ताल पर जा चुके हैं एवं हमको आश्वासन दिया गया था कि आपकी मांगे पूरी की जायेंगी लेकिन आज तक हमारी मांगो को पूरा नही किया गया है जिसके चलते हम सभी लोग आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए हैं और जब तक मांग पूरी नही होगी तब तक हम नही उठेंगे।
हमारे प्रदेश के संवेदनशील मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने संविदा कर्मचारियों के लिए 05.06.18 की नीति प्रदेश सभी विभागों में सामान्य प्रशासन विभाग के नोटिफिकेशन क्रमांक / सी-5/2018/1/3 दि. 05.06.18 द्वारा लागू की गई है इसका लाभ प्रदेश के 32000 एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों एवं उनके परिवारों को क्यों नहीं मिल पा रहा यह प्रशासन की संवेदनहीनता को प्रदर्शित करता है इसको लेकर प्रदेश के 32000 परिवारों जिनकी जनसंख्या लगभग 150000 के आस पास है के सामने जीवन मरण का प्रश्न उपस्थित हो गया है।
किन्तु दिनांक 20-03-2023 को उनसे हुई चर्चा एवं आश्वासन अनुसार दिनांक 31 मार्च 2023 तक इस पर कोई कार्यवाही नहीं होने पर जिलाध्यक्ष / कार्यकारिणी / सक्रिय साथियों की बैठक में दिनांक 18-04-2023 से सामूहिक हड़ताल एवं क्रमिक भूख हड़ताल प्रदेश के सभी गावों से रैली निकलते हुये हड़ताल किए जाने का निर्णय लिया गया है। मांगे पूरी नहीं होने की परिस्थिति में दिनांक 18 अप्रैल 2023 से अनिश्चित कालीन हड़ताल की जावेगी जिसकी सूचना आपको पत्र के माध्यम से प्रेषित की जा चुकी है।
हमारी प्रमुख मांगे निम्न है-
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारी एवं कर्मचारियों को नियमित किया जाए। जब तक नियमितिकरण नहीं हो पाता है तब तक 5 जून 2018 की म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा पारित की गई नीति तत्काल प्रभाव से लागू की जाए एवं सीएचओ को MLHP कैडर के तहत नियमित किया जाए।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से हटाकर आउट सोर्स प्रथा में किए गए सपोर्ट स्टाफ कर्मचारियों को पुनः राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में मर्ज किया जाए अथवा विभाग में रिक्त पदों पर समायोजन किया जाए एवं निष्कासित कर्मचारियों को शत प्रतिषत वापस लिया जाए।
संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ द्वारा 15.12.22 से 03.01.2023 तक की गई अनिश्चितकालीन हड़ताल के दौरान जिन संविदा कर्मचारियो पर पुलिस प्रकरण दर्ज किए गए है वह तत्काल वापस लिए जावे।
सभी 32000 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के परिवारों की समस्या को शासन के द्वारा बार बार पत्राचार एवं मीटिंग के उपरांत भी कोई निर्णय नहीं होने के कारण मजबूरी में हड़ताल करना पड़ रहा है इस दौरान आम जनता को होने वाली परेशानी के लिए हम क्षमाप्रार्थी है एवं इसकी समस्त जबाबदारी प्रशासन की रहेगी।