Home देश अंश द मिस्टिक बाइक राइडर

अंश द मिस्टिक बाइक राइडर

48
0

सुरेन्द्र त्रिपाठी

उमरिया 20 जून हेलमेट पहनेंगे तो घर पहुंचेंगे, पुलिस से डरना नही घर वालो से मिलना है। इस उद्देश्य को दिल्ली दिल्ली से निकले बाइक राइडर के नाम से फेमस हुए बाइकर उमरिया पहुंचे जहां पर उमरिया के यातायात प्रभारी ने स्वागत किया व यातायात के संबंध में जागरूकता पर चर्चा की गई। इसके बाद ये बाइक राइडर अपने उद्देश्यों को लेकर आगे के लिए रवाना हुए ।
उमरिया पंहुचे बाइक राइडर के हौसले और जज्बे को सलाम कि यातायात के नियमो को जागरुकता फैलाने के लिए दिल्ली से चलकर उमरिया पहुंचे जहा पर यातायात विभाग के द्वारा स्वागत किया गया। अंश द मिस्टिक राइडर के नाम से जाने जाने वाले मिस्टर अंश बताये कि यह यात्रा 2 अक्टूबर 2018 गांधी जयंती के दिन दिल्ली से वन इंडिया वन राइडिंग के नाम से प्रारंभ की थी । पहले सफर में 28 राज्य व 9 केंद्रशासित प्रदेशो में लगभग 75 हजार किलोमीटर का सफर कर चुका हूं, 2 लाख कॉलेज के छात्र छात्राओं को हेलमेट पहनने की शपथ दिला चुका हूँ, अब देश के हर जिले में पहुंच रहे हैं, अभी तक 95 हजार किलोमीटर का सफर कर चुके हैं, और लोगों को हेलमेट पहनने के लिए जागरूक कर रहे हैं, हमारा कहना है कि पुलिस से डरना नही है, घरवालों से मिलना है। जिंदगी के मोड़ पर फिर मिलेंगे रोड पर।


यातायात प्रभारी उमरिया अमित विश्वकर्मा बताये कि मिस्टर अंश जो मिस्टिक राइडर के नाम से जाने जाते हैं, उनसे हमारी बात हुई है, वो बताये कि हम हेलमेट को लेकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं, साथ ही वो आंकड़े भी बताये कि डब्ल्यू एच ओ की रिपोर्ट के अनुसार बिना हेलमेट 35 से 40 हजार लोग प्रतिदिन मरते हैं, इसलिए जरूरी है कि हेलमेट लगाया जाए, और भी बातें हुईं है।


वहीं अंश बताये कि उमरिया पहुंचने पर यहां के यातायात प्रभारी अमित सर से बात हुई है और उनकी योजनाएं अच्छी लगी है, हमने भी बताया कि लगभग 35 हजार लोग बिना हेलमेट के रोज मरते हैं अगर वो हेलमेट पहने तो 72 प्रतिशत जान बचाई जा सकती है। हमारा उद्देश्य है कि हर व्यक्ति हेलमेट पहने ताकि वापस अपने परिवार से मिल सके।
वहीं अंश बताये कि हम इस यात्रा को स्वयं के खर्चे से कर रहे हैं, मैं अभी तक लगभग 20 – 22 किताबें लिख चुका हूं और अभी तक लगभग 12 किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं, उसकी रॉयल्टी के अलावा आन लाइन काम पार्ट टाइम में करता हूँ, कुछ आय उससे हो जाती है, इसी से खर्च करता हूँ, अभी तक मे 300 जिले घूम चुका हूँ और अब मध्यप्रदेश के जिलों में घूम रहा हूँ।

Previous articleभारी मशीनों से हो रहा रेत उत्खनन नही हो रहा मंत्री के आदेश का पालन
Next article72 करोड़ की होली

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here