सुरेन्द्र त्रिपाठी
उमरिया 18 सितम्बर – जिले में ही नही वरन पूरे प्रदेश में नदियों से रेत उत्खनन 30जून से 30 सितम्बर तक एन जी टी के निर्देशानुसार प्रतिबंधित है, सभी लीज और खदानें निष्क्रिय की गई हैं, उसके बावजूद उमरिया जिले में रेत ठेकेदार कंपनी आर एस आई स्टोन वर्ड प्राइवेट लिमिटेड द्वारा अवैध रूप से नदियों से रेत उत्खनन करवा कर बिना टी पी के 1 हजार रुपए ट्राली और 5 से 7 हजार रुपये डम्पर और हाईवा में भरवा कर बेचने में जुटे हैं इतना ही नहीं यदि कोई रास्ते मे अवैध रेत परिवहन करता हुआ मिल गया तो उसको अपने पालतू खनिज विभाग के सिपाही या और कोई कर्मचारी के माध्यम से रुकवा कर मार पीट करना शुरू कर देते हैं, जबकि यह कार्य खनिज विभाग का है कि अवैध उत्खनन या परिवहन करते पाए जाने पर कार्यवाई करें लेकिन जिले का पंगु और रेत ठेकेदार का गुलाम खनिज विभाग कोई कार्यवाई करने या अवैध उत्खनन, परिवहन पर अंकुश लगाने की जगह अपने आका ठेकेदार के गुंडों को सारी जबाबदारी सौंप कर ईमानदारी का चोला ओढ़े बैठा है। आर एस आई के गुंडों की गुंडागर्दी इतनी है कि 29 जुलाई की रात में सुखदास निवासी राजभान जैसवाल के साथ मार पीट कर हाथ तोड़ दिए और पुलिस की मदद से समझौता करने का दबाब बनवा कर मामले को चलता कर दिए वहीं कुछ दिन बाद करकेली में पाली निवासी चंदन विश्वकर्मा के ड्राइवर के साथ मारपीट कर पुलिस की मदद से चंदन विश्वकर्मा एवम उनके साथियों के ऊपर नौरोजाबाद थाने में प्रकरण भी दर्ज करवा दिए, वहीं पिपरिया के पास रात में पिंटू दुबे के साथ मारपीट कर खनिज विभाग के संरक्षण में घर से खाली ट्रेक्टर और ट्राली उठवा कर ले गए लेकिन पिंटू द्वारा कोतवाली में आवेदन देने के बाद तत्कालीन टी आई द्वारा रिपोर्ट नही दर्ज की गई, उसके बाद खलेशर निवासी रिंकू भदौरिया के साथ भी मारपीट किये और तत्कालीन टी आई की मदद से उल्टे रिंकू भदौरिया के ऊपर प्रकरण दर्ज करवा दिए वहीं 16 सितम्बर की रात में भरौला तिराहे में विरेन्द्र सिंह उर्फ अंकुश सिंह के साथ भी रास्ता रोक कर अवैध हथियार के दम पर मारपीट किये जिसमें काफी मसक्कत के बाद रेत ठेकेदार के गुंडों के ऊपर कोतवाली में पहली बार, अपराध क्रमांक 445/20 धारा 341, 147, 149, 294, 323, 506, 427 आई पी सी का प्रकरण दर्ज हुआ जिसमें आरोपी जसपाल सिंह एवम अन्य 8 – 10 लोगों के ऊपर प्रकरण दर्ज हुआ। वहीं प्रशासन और खनिज विभाग के शह पर गुंडागर्दी का आलम जारी है लेकिन खनिज विभाग और प्रशासन के आंख में ठेकेदार के गुंडों द्वारा अवैध रूप से बिलासपुर और तमन्नारा की तरफ से ठेकेदार द्वारा निकलवाये जा रहे रेत के वाहन नजर नही आ रहे हैं। ऐसे में आवश्यकता है खनिज विभाग और रेत ठेकेदार के घालमेल और किये जा रहे घोटालों की उच्च स्तरीय जांच की।