17 अगस्त से गुम युवक का शव सड़ी गली हालत में मिलने पर परिजनों ने लगाया पुलिस विभाग पर हत्या का आरोप, शव को थाने के सामने रख कर किया प्रदर्शन, एडिशनल एसपी के समझाइश के बाद किया अंतिम संस्कार, एसपी ने गठित की एसआईटी एएसआई लाइन अटैच।
मामला है उमरिया जिले के मानपुर थाने का जहां लगभग 2 – ढाई साल से एक प्राइवेट आदमी को रख कर थाने की साफ – सफाई, चाय वगैरह लाने के साथ मुखबिरी और कभी – कभार निजी कार्य करवाया जाता था। इस बात की जानकारी थाने तक ही सीमित थी, उच्च अधिकारी इस बात से अनभिज्ञ थे, उनके संज्ञान में यह बात कभी नही आई।
अचानक 17 अगस्त से निजी व्यक्ति अमर उर्फ मोटू पिता हर प्रसाद सोनी उम्र लगभग 38 वर्ष निवासी नामदेव मोहल्ला मानपुर गायब हो गया। उसकी पत्नी और मां थाने में पूंछने आई कि मोटू घर नही आया है आप लोग कहीं भेजे हैं क्या? थाने में कह दिया गया कि हम लोग भी पता लगा रहे हैं, दूसरे दिन जब फिर से परिजन थाने आये तो कह दिया गया कि वो 40 हजार रुपये लेकर फरार हो गया है। जब पत्नी बोली कि उसकी रिपोर्ट लिख लीजिए तो थाने से भगा दिया गया।
लगातार थाने जाने के बाद 27 अगस्त को अमर की पत्नी रूपा सोनी की तरफ से गुम इंसान क्रमांक 35/23 पर दर्ज तो कर लिया गया, लेकिन रिपोर्ट दर्ज करने के नाम पर 6 घंटे थाने में बैठाया गया। इधर परिजन परेशान रहे तभी किसी ने रूपा को बताया कि थाने के पीछे से कुछ बदबू आ रही है। जब घर के लोग जाकर कल देखे तो शहडोल निवासी चंद्रमोहन भट्ट के सुनसान मकान में अमर पिता हरप्रसाद सोनी उम्र 38 वर्ष निवासी नामदेव मोहल्ला ( मानपुर) का क्षत विक्षत अवस्था मे शव मिला जिसके सीने पर पत्थर पड़ा हुआ था और शरीर का बहुत हिस्सा गल चुका था तब थाने में सूचना दी गई, और पुलिस मौके पर पहुंच कर शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दी। पुलिस ने न तो फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट और न ही डॉग स्क्वायड और न ही फोरेंसिक की टीम को बुलाया बस शव उठवा दिया, इतना ही नही घटना स्थल पर तत्काल ब्लीचिंग पावडर भी डलवा दिया ताकि कोई साक्ष्य न मिल सकें।
मृतक के भाई राजा सोनी ने बताया कि पोस्टमार्टम होने के बाद रात में हमारे घर एएसआई राजेन्द्र तिवारी पहुंच कर अंतिम संस्कार करने को बोले, तब लोगों ने मना कर दिया कि जो होगा सुबह होगा। रविवार की सुबह 5 बजे फिर से एएसआई राजेन्द्र तिवारी कुछ स्थानीय नेताओं के साथ घर पहुंच कर शव का अंतिम संस्कार करने का दबाब बनाने लगे जिससे हम लोगों को हत्या किए जाने की शंका को और बल मिला, तो हम लोग शव को पॉलीथिन में बांध कर खाट में रख कर घर से निकल गए तो आगे – आगे वो लोग श्मशान घाट की तरफ चले गए तो हम लोग थाने पहुंच कर रोड में रख कर न्याय की मांग करने लगे। इतने में मानपुर थाने की पुलिस शव को छुड़ा कर थाने के भीतर रख ली तब हम लोग शर्ट उतार कर थाने के बाहर बैठ कर चिल्लाने लगे जिस पर भारी भीड़ जमा ही गई और सड़क जाम कर दी तब सारे पुलिस वाले गायब हो गए। हमको पूरा यकीन है कि शव के पास से 40 हजार रुपये कहाँ से आये और पुलिस वाले ही मार कर फेंक दिए हैं।
धीरे – धीरे लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति बन गई। तब जिला मुख्यालय से एडिशनल एसपी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच कर लोगों को समझाइश दिए और विधिवत जांच करवाने का आश्वासन दिए वहीं एसपी से बात कर तत्काल एएसआई राजेन्द्र तिवारी को लाइन अटैच किये। तब कहीं जाकर मामला ठंडा हुआ और शव का अंतिम संस्कार करने लोग गए।
एडिशनल एसपी प्रतिपाल सिंह महोबिया ने बताया कि कल पुराने स्टेट बैंक के सामने एक व्यक्ति का शव बरामद हुआ जिसमें पता चला कि अमर उर्फ मोटू सोनी का शव है जिस पर परिजनों ने आरोप लगाया कि इसकी हत्या की गई है यहां परिजनों ने शव रखकर सड़क जाम किया और जांच की मांग कर रहे थे तो हमने उमरिया जिले की पुलिस को इकट्ठा किया और सभी को समझाइश दिया वहीं हमने एक पांच सदस्य एसआईटी दल गठित किया है जो एक सप्ताह के अंदर अपनी जांच रिपोर्ट पेश करेगा उसका नेतृत्व पाली एसडीओपी बोहित जी करेंगे। मानपुर थाने में सदस्य एएसआई राजेंद्र तिवारी की भूमिका इस मामले में इसलिए आ रही है कि जब यह व्यक्ति गुमा था तब उन्होंने गुम इंसान दर्ज करने में लापरवाही की थी और आज सुबह भी इन्होंने परिजनों से उटपटांग बात किया इसको लेकर के परिजन काफी नाराज थे और पूर्व में थी उनकी कई शिकायत थी इसको लेकर के इनको तत्काल प्रभाव से अभी लाइन अटैच किया गया है।
गौरतलब है कि इस पूरे मामले में लोग दबी जुबान में चर्चा करने में लगे हैं कि 13 – 14 जून की दरम्यानी रात गांजा व्यापारी और पुलिस के बीच लेन देन का जो आडियो वायरल हुआ था वह एएसआई राजेन्द्र तिवारी की ही आवाज थी और उसी मामले को लेकर निरीह गरीब सेवा करने वाले मोटू उर्फ अमर सोनी की हत्या कर दी गई और वही पैसे मंगवा कर इसके पास रख दिये गए। इतना ही नही जन चर्चा यह भी है कि आदिवासी दिवस के दिन जिस बैगा युवक की लाश कुंये में मिली थी और मृतक की पत्नी जिन दो लोगों के ऊपर हत्या की शंका जाहिर की थी, उनको थाने में लाकर 2 दिन बैठाने के बाद छोड़ दिया गया था, वही दो लोग इसके घर भी आये थे और कुछ बात करके चले गए थे। वहीं लोगों ने यह भी बताया कि हर तरफ लोकायुक्त की रेड कार्रवाई देख मानपुर पुलिस स्टाफ पीड़ितों, अपराधियों से सौदेबाजी कर लेनदेन के पैसे लेने के लिए इसी गरीब का इस्तेमाल करती थी।
हालांकि परिवारजन एसपी उमरिया की कार्यशैली देख कर आश्वस्त हैं कि उन्हें न्याय अवश्य मिलेगा।