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अब जप्त होगी सड़कों के किनारे रखी रेत, दो माह बाद नीद खुली जिला खनिज अधिकारी की

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सुरेन्द्र त्रिपाठी

उमरिया 2 सितम्बर – प्रदेश में एन जी टी ने 30 जून से 30 सितम्बर तक के लिए नदियों से रेत उत्खनन पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया था लेकिन उमरिया जिले में खनिज अधिकारी और रेत ठेकेदार आर एस आई स्टोन वर्ड प्राइवेट लिमिटेड की शह पर लगातार नदियों से रेत का अवैध उत्खनन भारी मशीनों के माध्यम से करवाया जा रहा था, वहीं जब शिकायत होती थी या मीडिया के माध्यम से अवैध उत्खनन की बात सामने लाई जाती थी तो औपचारिकता निभाते हुए किसी ट्रेक्टर को पकड़ कर कार्यवाई कर दिया जाता था जबकि हाईवा और डंपरों में लगातार रेत दूसरे जिलों में आर एस आई स्टोन वर्ड लिमिटेड द्वारा खनिज अधिकारी की मिली भगत से भेजा जाता रहा है, ऐसा करते समय ईमानदार जिला खनिज अधिकारी को एन जी टी के निर्देशों की याद नही आई थी। अब जब ठेकेदार को कुछ नही सूझा तो अपने इशारे पर चलने वाले खनिज विभाग के माध्यम से नया आदेश पारित करवा दिए, देखिये क्या आदेश पारित हुआ है।
सडको के किनारें भण्डारित खनिज रेत के दस्तावेज नही मिलने पर जप्ती की होगी कार्यवाही
उमरिया 2 सितंबर – जिला खनिज अधिकारी मान सिंह ने बताया कि भारत सरकार पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा रेत उत्खनन के स्थाई प्रबंधन हेतु गाईड लाईन जारी की गई है, जिसके अनुसार भारतीय मौसम विज्ञान विभाग नागपुर द्वारा मध्यप्रदेश में मानसून लागू होने की तिथि 30 जून 2020 से एक अक्टूबर 2020 तक जिले की समस्त रेत खदानों में रेत खनन कार्य पर प्रतिबंध लगाया गया है। आपने बताया कि भ्रमण के दौरान पाया गया है कि सडको के किनारें खनिज रेत का स्टाक निर्माण कार्य हेतु किया गया है जो अवैध भण्डारण की श्रेणी मे आता है । इस स्टाक का निरीक्षण किए जाने पर यदि खनिज रेत से ंसबंधित दस्तावेज नही पाए जायेगे तो रेत स्टाक को जप्त कर शासन के निर्माण कार्य हेतु उपयोग में लाया जाएगा तथा अवैध भण्डारण करने वालो पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।

खनिज कार्यालय के सामने भीड़


गौरतलब है कि ठेकेदार द्वारा दी गई बोलेरो तो अब हटा ली गई है तब खनिज कार्यालय में पदस्थ अधिकारी कार्यालय में दलाल पाल लिए हैं जो दक्षिणा खुद न लेकर दलालों को दिलवाते हैं और बाद में हिसाब करके उनसे वसूल लेते हैं, सूत्रों की माने तो 5 हजार रूपये प्रतिमाह में आदमी को रखा गया है वह भी वही आदमी है जो कल तक ठेकेदार द्वारा दी गई बोलेरो को चलता था, यदि खनिज निरीक्षक ये कहें कि हमारा इससे कोई लेना देना नही है तो फिर दिन भर वह आदमी कार्यालय में क्या करता है। इस आदेश को पारित करने के बाद भी क्या खनिज विभाग के अधिकारियों का ज़मीर जागेगा कि कुछ तो सरकार के प्रति ईमानदार हो जाएं। वैसे प्रदेश के मुखिया को चाहिए कि उमरिया जिले में भी खनिज विभाग के अधिकारियों के यहां इंदौर की तर्ज पर छापा मार कार्यवाई करवाएं तो यहां भी अकूत संम्पत्ति के मालिक निकलेंगे। आखिर कब तक खनिज विभाग रेत ठेकेदार आर एस आई स्टोन वर्ड लिमिटेड की चरण वंदना करेगा। कब इनको नदियों में बड़ी मशीनें नजर आएंगी, कब बिलासपुर क्षेत्र, पिपरिया और अन्य जगह का अवैध उत्खनन नजर आएगा। हालांकि देखा जाय तो खनिज विभाग में पदस्थ दिवाकर चतुर्वेदी जी जैसे लोगों को फील्ड में इस समय गिट्टी के अलावा कुछ नजर नही आता है।

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