सुरेन्द्र त्रिपाठी
उमरिया 11 सितम्बर – लोग कहते हैं कि भाग्यशाली या भ्रष्टाचारी वही होता है जिसको पूरा प्रदेश, देश जाने, आइए जिले के ऐसे ही एक अधिकारी के बारे में आपको बताते हैं – वो हैं जिले के सी एम एच ओ डॉक्टर राजेश श्रीवास्तव, इनका नाम अब मध्यप्रदेश की विधानसभा में गूंजेगा, कारण भी बताना जरूरी है, नही तो जानेंगे कैसे, इनके कारनामों की लिस्ट तो वैसे बहुत लंबी है, इनके लिए भाजपा के वरिष्ठ विधायक श्री केदार नाथ शुक्ला विधानसभा में तारांकित प्रश्न क्रमांक 388, लगाए हैं जिसमें उत्तर भेजने का अंतिम दिनांक 15/09/2020 तय किया गया है वहीं सदन में उत्तर देने का दिनांक 22/09/2020 है। विधायक जी ने लोक स्वास्थ्य एवम परिवार कल्याण विभाग से यह जानकारी मांगा है। उसमें विषय है – सी एम एच ओ उमरिया के विरुद्ध शिकायतकर्ता की जांच – देखिये प्रश्न क्या है

(1) क्या लोक स्वास्थ्य एवम परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे –
(क) क्या सी एम एच ओ उमरिया के विरुद्ध उमरिया जिले के जन प्रतिनिधियों, आम जनता एवम कर्मचारियों द्वारा समय – समय पर भारी भ्रष्टाचार की शिकायतें शासन के विभिन्न स्तरों पर की गई हैं ? यदि हाँ तो किन किन प्रतिनिधियों, आम जनता, कर्मचारियों द्वारा कब कब क्या क्या शिकायतें की गईं हैं ? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लिखित अधिकारी के विरुद्ध विभिन्न शिकायतों की जांच नियानुसार निलंबित, स्थानांतरित कर की जाएगी, यदि नही तो क्यों, अभी तक की गई शिकायतों की जांच प्रतिवेदन एवम उसमें पाए गए मुख्य टीप की प्रति उपलब्ध करायें तथा कितने शेष हैं, कब तक में पूर्ण कर में पूर्ण कर ली जाएगी ?
(ग) क्या प्रश्नांश (क) प्रश्नांकित उल्लेखित भ्रष्टाचार में सहयोग न करने वाले वरिष्ठ कर्मचारियों को वर्षों से उनके पदानुसार कार्य उनसे छीन लिया गया है ? उन वरिष्ठ कर्मचारियों का कार्य कनिष्ठ एवम उनके सहयोगी कर्मचारियों द्वारा कराया जा रहा है ? किन किन कर्मचारियों को कार्यालय से बाहर का काम सौंपा गया है ? उमरिया जिले के सी एम एच ओ कार्यालय में पदस्थ लेखापाल का नाम बताएं, उक्त लेखापाल विगत वर्षों (दिनांक 01/09/2018 से प्रश्न दिनांक तक) संधारित लेखा पंजियों का हस्ताक्षर सहित छायाप्रति उपलब्ध कराएं।
(घ) क्या उक्त सी एम एच ओ की यातनाओं से हिम्मत हार रहे किसी वरिष्ठ कर्मचारी द्वारा सपरिवार इच्छा मृत्यु की अनुमति हेतु आवेदन दिया गया है, यदि हाँ तो उसका नाम, कारण बताएं तथा उसके आवेदन में क्या कार्यवाही की गई है उसके पालन प्रतिवेदन का प्रति उपलब्ध कराएं।
यह तो रहे विधानसभा के तारांकित प्रश्न, हालांकि जानकारी के अनुसार यहां से गलत जानकारी भेजी गई है जो वहां से वापस आ गई है पुनः उसमें आंशिक फेरबदल कर भेजी गई है, लेकिन इनको यह नही पता है कि विधायक जी के पास सारी जानकारियाँ तथ्य सहित हैं, फिर भी देखना है कि जिम्मेदार कितनी ईमानदारी से जानकारी भेजते हैं या सभी भ्रष्टाचार की गंगा में डुबकी लगा कर फर्जी जानकारी भेजने में भागीदार बनते हैं।
शेष अगले अंक में……