कारोबारियों में नही है पुलिस का खौफ
उमरिया – एसईसीएल जोहिला एरिया नौरोजाबाद अंतर्गत विभिन्न बंद कोयला खदानों को पूर्ण रूप से बंद किए जाने की मुहिम चलाई गई थी जो असफल नजर आ रही है। उसका मुख्य कारण सामने आया है कि अघोषित खदान अब नित नए जगहों पर बन रही है जो संबंधित विभागों की सतत निगरानी का अभाव मानी जा रही है।
जबकि बीते दिनों नौरोजाबाद में पुलिस राजस्व और जनप्रतिनिधियों के बीच एक बैठक भी ली गई थी जिसमे यह निर्णय लिया गया था कि आमजन की सुरक्षा के दृष्टिगत बंद खदानों को पूर्णतः बंद कराया जाए साथ ही पुलिस की चौकसी ऐसे क्षेत्रों में बनी रहे, लेकिन कोल माइंस प्रबंधन द्वारा बंद खदानों के मुहाने को पूर्णतः बंद तो किया जा रहा है, किंतु संबंधित विभागों द्वारा अपेक्षित सहयोग नहीं मिल पाने के कारण कोयला का अवैध कारोबार करने वालों द्वारा अब नित नए अड्डे बनाकर अघोषित खदान बनाए जा रहे है जिससे कभी भी दुर्घटना एवं अपूरणीय क्षति होने की प्रबल संभावना है। जानकारी यह भी सामने आ रही है कि कोयला चोरी करने वालों द्वारा विभिन्न स्थलों से अघोषित भूमिगत कोयला खदानों से चोरी की फिराक की जा रही है।
ऐसे में चाहिए कि प्रशासन द्वारा ऐसे व्यक्तियों की निगरानी कर उनके मंसूबों पर कड़ी कार्यवाही की जाए जिससे भविष्य में बंद पड़ी कोयला खदानों के रूप में कोई परिवर्तन न कर सके। विदित होवे कि बीते महीने सोहागपुर एरिया में बंद पड़ी कोयला खदान में चोरी की नियत से घुसे युवकों की जान चली गई थी जिसके बाद प्रशासन अलर्ट होकर सभी क्षेत्र की बंद पड़ी कोयला खदानों को पूर्णतः बंद करने का काम आरंभ किया गया था। इतना ही नहीं उमरिया जिला मुख्यालय में यदि देखा जाय तो कोणाड़, कृष्णा ताल, ज्वालामुखी रेल्वे पुल के पास, पीली कोठी क्षेत्र व अन्य कई जगहों से कोयले का अवैध उत्खनन चोरी छिपे होता रहता है जिसमे कई बार लोगों की मौत भी हो चुकी है लेकिन मृतकों के घर के लोग डर के कारण कुछ बोलने से कतराते हैं तो वहीं इन चोरी के कोयलों को ईंट भट्ठों में खपत किया जाता है। यदि बारीकी से निगरानी की जाय तो सच सामने आ जायेगा।