सुरेन्द्र त्रिपाठी
उमरिया 24 सितम्बर – जिले का बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में फिर एक बार बाघिन की मौत के मामले में सुर्खियों में आया है यहां पर फिर एक बाघिन की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई है तो वही टाइगर रिजर्व के बड़े अधिकारी कैमरे के सामने आने से मना कर रहे हैं, वही मीडिया से छुपाकर बाघिन का अंतिम संस्कार भी कर दिया गया इतनी बड़ी बातें मीडिया से कैसे छिप सकती थी आखिरकार हमारे सूत्रों ने सब कुछ खोल कर रख दिया।
उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के धमोखर रेंज के ग्राम ताली के पास आर एफ 75 में धौरखोह वाली बाघिन की संदिग्ध रूप से मौत हो गई और बाघिन के शव की हालत को देखते हुए ऐसा लगता है कि शव काफी पुराना है और शिकार का अंदेशा है वहीं सूत्रों की माने तो मृत बाघिन के 3 बच्चे भी थे जिनका कोई पता नही है, साथ ही पार्क के पेट्रोलिंग पर भी सवाल खड़ा होता है कि कैसी पेट्रोलिंग की जाती है। गौरतलब है कि 1 अक्टूबर से पार्क खोलने की तैयारी भी चल रही है और ऐसे समय मे बाघिन की मौत ने शैलानियों को यह खबर निराश करने वाली है। हालांकि पार्क प्रबंधन के पास एक ही जबाब रहता है कि आपसी लड़ाई में मौत हुई होगी, अगर देखा जाय तो जब भी बताया गया है कि आपसी लड़ाई में मौत हुई है तो दूसरे बाघ का कभी भी पता नही चला जिससे लड़ाई हुई हो, वहीं जब भी यह कहा गया कि बिसरा रिपोर्ट आने पर कारणों का पता चलेगा तो कभी बिसरा रिपोर्ट ही नही आई और अगर आई भी तो कभी सार्वजनिक नही किया गया। सवाल यह है कि बाघों के मौत के मामले में पारदर्शिता क्यों नही रखी जाती है। आखिर पार्क और वन्य जीव प्रबंधन की निजी संपत्ति तो नही है, फिर छिपाने का क्या औचित्य है। वहीं पार्क के एस डी ओ आर एस चौधरी यह बता रहे हैं कि जब तक जांच रिपोर्ट नहीं आ जाती तो हम कुछ नहीं कर सकते जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।