रीवा लोकायुक्त की बड़ी कार्रवाई सीईओ जनपद पंचायत करकेली दस हजार की रिश्वत लेते ट्रैप। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत की जा रही है कार्रवाई।
उमरिया – जिले के करकेली जनपद पंचायत सीईओ दिवाकर नारायण पटेल के द्वारा लगातार सरपंच, सचिवों, रोजगार सहायकों को प्रताड़ित कर मनरेगा योजना के साथ ढेर सारी योजनाओं में खुले आम 10% कमीशन की मांग की जाती रही। इतना ही नही जनपद अध्यक्ष, सदस्यों को भी तरजीह नही दी जाती थी, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में भी शादीशुदा जोड़ों से पैसे लेकर दुबारा विवाह करवा दिया गया था, जिसकी शिकायत समय – समय पर जनप्रतिनिधियों द्वारा जिले के कलेक्टर, सीईओ जिला पंचायत एवं उच्च अधिकारियों तक की गई है। उसके बाद भी किसी के द्वारा कोई कार्रवाई नही की गई। ऐसा लगता है कि सभी शिकायतों को नजर अंदाज किया जाता रहा।
राम लखन साकेत पीड़ित
वहीं जनपद पंचायत करकेली में पदस्थ पीसीओ राम लखन साकेत ने बताया कि हमारी दो क्रमोन्नति नही दी गई हम लगातार निवेदन करते रहे जबकि हमसे जूनियर 2 पीसीओ को क्रमोन्नति दे दी गई। हमने बेटी के विवाह के लिए जीपीएफ की पार्ट फाइनल राशि निकालने के सीईओ साहब को लगातार आवेदन दिया लेकिन उनके द्वारा टाल मटोल किया जाता रहा,मैं उनके आवास पर जाकर निवेदन किया तो बोल दिए आफिस आओ जब आफिस आया तो मेरे से 10 हजार रुपये की मांग की गई। हमने हर जगह गुहार लगाई लेकिन कोई सुनवाई न होने से क्षुब्ध होकर अन्त में रीवा लोकायुक्त एसपी साहब से शिकायत किये और रीवा लोकायुक्त एसपी गोपाल सिंह धाकड़ द्वारा डीएसपी प्रवीण सिंह परिहार के नेतृत्व में निरीक्षक प्रमेन्द्र कुमार परमार के साथ 20 सदस्यीय टीम भेज कर 10 हजार रुपए की रकम लेते रंगे हाथों ट्रैप किया गया।
प्रमेन्द्र सिंह परमार निरीक्षक लोकायुक्त
लोकायुक्त निरीक्षक प्रमेन्द्र सिंह परमार ने बताया कि राम लखन साकेत पीसीओ द्वारा शिकायत किया गया था जिस पर हमारे पुलिस अधीक्षक श्री गोपाल सिंह धाकड़ द्वारा परीक्षण किया गया और उस परीक्षण में सच पाया गया, उसके आधार पर आज 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते सीईओ दिवाकर नारायण पटेल को रंगे हाथों ट्रैप किया जाकर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है।
बीच मे बैठे सीईओ
गौरतलब है कि सीईओ के द्वारा किये जा रहे भ्रष्टाचार और जबरन सरपंच, सचिव से पैसे मांगने की शिकायत लगातार उच्च अधिकारियों तक पहुंच रही थी जिसका परिणाम आज लोकायुक्त द्वारा ट्रैप कर सामने आ गया। हालांकि उमरिया जिले में भ्रष्टाचार की कहानी छोटी नही है, लगभग हर विभाग में यही हाल है बस पीड़ित हिम्मत नही जुटा पा रहे हैं जिसके चलते खुले आम पैसों का लेनदेन और घोटाला हो रहा है। यदि देखा जाय तो मानपुर जनपद पंचायत का भी हाल यही है, वहां पीड़ित शिकायत करके परेशान है और अधिकारी मदमस्त हैं।
अब चाहे खाद्य विभाग हो, सहकारिता हो जिस विभाग की तरफ नजर डालेंगे सभी बेहिचक फलफूल रहे हैं, हालांकि यह भी सुशासन का ही एक अंग है, क्योंकि चुनाव नजदीक है और बेचारे अधिकारियों को कुछ तो मदद करनी ही होगी इसीलिए जनता को चूस रहे हैं, भले ही दिखावे के लिए मुख्यमंत्री कहते हैं कि किसी भी भ्रष्टाचारी को बख्शा नही जाएगा, लेकिन उन्ही के नाक के नीचे जम कर भ्रष्टाचार हो रहा है। वैसे जनता को भी उन मुख्यमंत्री से उम्मीद नही करनी चाहिए जो प्रधानमंत्री तक को झूठी जानकारी देकर उनसे भी झूठ बुलवा दिए।