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2 ट्रक अवैध कोयला जप्त किया पुलिस ने

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उमरिया 16 जून – कोतवाली पुलिस को मिली बड़ी सफलता 2 ट्रक अवैध ढंग से ले जाते कोयला को किया जप्त, खनिज विभाग की मिली भगत से किया जा रहा था परिवहन, खनिज विभाग ने कहा कोयला सही है और पुलिस धारा 102 के तहत जप्त कर, कर रही है जांच |

उमरिया जिले में पुलिस लगातार कोयला चोरी रोकने के प्रयास में लगी है लेकिन कोयला माफिया भी कहीं पीछे नहीं हैं, रोज नए तरीके निकाल कर कोयला तस्करी में लगे हैं | ऐसा ही एक मामला आया धनवाही पवार प्लांट का, किन्ही कारणों से पवार प्लांट बंद हो गया और वहां कुछ कोयला पडा रहा जिसको उठाने के लिए कटनी के कोई अशोक यादव खनिज अधिकारी से मिल कर ले जाने का प्लान बनाये और खनिज विभाग से अनुमति लेकर 7 जून से 11 जून तक का अभिवहन पास जारी करवा लिए, प्लांट में जाकर वहां मौजूद कर्मचारी को अनुमति दिखा कर 6 ट्रक कोयला ले गए | लेकिन 12 जून को फिर से कोयला बिना किसी अनुमति के लोड करवाने लगे जिसकी सूचना पुलिस को मिली तो मौके पर उमरिया पुलिस पहुँच कर दोनों ट्रकों को जप्त कर ले आई और कोतवाली परिसर में खडी कर दी | इस मामले में जिले के एस पी सचिन शर्मा बताये कि कल शाम सूचना मिली थी कि धनवाही पवार प्लांट है जहाँ पर चोरी की सूचना मिली थी जिस पर पुलिस ने दबिश दी थी 2 ट्रकों को पकड़ा था उनमें कोयला लदा था और इसकी जांच की का रही है 102 में जप्त किया गया है माईनिंग के साथ सतत संपर्क करके इस पर जो भी चीजें निकल कर आयेंगी उसी के तहत कार्यवाई की जायेगी |

इस मामले में जब जिला खनिज अधिकारी राम सिंह उइके से बात किया गया तो वो सीधे – सीधे कटनी के अशोक यादव का पक्ष लेते नजर आये और कहे कि उसके परिवहन की अनुमति कलेक्टर महोदय के अनुमति उपरांत जारी की गई थी और उसमें परिवहन हेतु अभिवहन पास वैधानिक रूप से जारी किये गए हैं उसमे परिवहन की अनुज्ञप्ति उनको दी गयी थी और उनको समयावधि भी दी गयी थी 7 से 11 जून की अनुमति दी  गयी थी और जब उनसे पूछा गया कि 7 से 11 के डेट में 6 ट्रक कोयला उठा लिया गया था उसके बाद दूसरे दिन बिना अनुमति के कोयला उठा रहे थे और वहां मौजूद सुपरवाईजर को भी सूचना नहीं दिए थे तब दलील देने लगे कि उनका आवेदन 12 जून को ही समय वृद्धि का विचाराधीन था कि वो सम्पूर्ण मात्रा का परिवहन नहीं कर पाए हैं उसमें समय वृद्धि की जाय | वहीँ जब पूंछा गया कि  मौके पर कोई वैधानिक दस्तावेज नहीं था तो फिर उसी के पक्ष में बोलने लगे कि उनके पास वैधानिक दस्तावेज है, अनुमति वृद्धि के कागज हैं उनको अनुमति दी हुई है, अभिवहन पास दिया हुआ है वो उसको दिखा सकते हैं | वहीँ जब उनसे पूंछा गया की क्या उस कोयले का सत्यापन कराया गया जितना इन्होने ढाई साल पहले बेचा था वो कोयला आज तक ज्यों का त्यों रखा हुआ है, कहीं दूसरी जगह से अवैध उत्खनन करके स्टाक किया गया है, तब कहे कि उसका सत्यापन कराया गया खनिज निरीक्षक से उसका भौतिक सत्यापन कराया गया है खनिज निरीक्षक से, जब कहा गया कि ढाई साल हो गए जबकि कोयला वहीँ अचला, धनवाही और कोड़ार से अवैध उत्खनन करके निकाला जाता है और वहीँ के कोयले को स्टाक करके ले जाने के लिए ऐसा किये हों तब कहे कि ऐसा कोई फैक्ट हमारे संज्ञान में नहीं आया, वहीँ जब पूंछा गया कि क्या कोयले की क्वालिटी का टेस्ट कराया गया कि जो कोयला इन्होंने बेचा था वही कोयला है इस पर कहे कि खनिज निरीक्षक से जांच करवाई गई |

गौरतलब है कि जिले में मुख्य खनिज कोयले की तस्करी जोरों से चल रही है अब तो खनिज विभाग पकड़ने की  जगह माफियाओं का साथ दे रहा है फिर सबसे बड़ी बात तो यह है कि पवार प्लांट के कर्मचारी को पता नही है कि उसका मालिक कोयला बेच दिया और खनिज एवं माफिया मिल कर कोयले को बेचने में लगे हैं अब देखना है कि पुलिस किस नतीजे पर पंहुचती है या खनिज विभाग पुलिस को भी बरगला देता है |

 

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