उमरिया – मीडिया प्रभारी एडीपीओ नीरज पाण्डेय द्वारा बताया गया कि दिनांक 27.10. 2022 को पुलिस थाना कोतवाली उमरिया में पदस्थ उपनिरीक्षक बालेन्द्र शर्मा हमराही स्टाफ ए०एस०आई० प्रभाकर, ब्रजेश सिंह, सुभाष यादव, रावेन्द्र तिवारी, बाबूलाल सिंह, प्रधान आरक्षक अब्दुल सलीम, दिलीप गुप्ता, सरमन सेन व आरक्षक आसिम, जगदीश तिवारी, शिवकुमार, निलेश सिंह के साथ थाने के अपराध क्रमांक 712 / 2022 धारा 341, 394 के अभियुक्त की पताशाजी हेतु रवाना हुआ था तभी उसे सूचना प्राप्त हुई कि अपराध क्रमांक 776/2022 धारा 302 का अभियुक्त फरारी प्रशांत सिंह अपने दोस्त रजनीश तिवारी उर्फ पंडित निवासी बड़ेरी के साथ एफ जेड० मोटरसाइकल से दिनांक 26.10.2022 शाम को घंघरी नाका से लालपुर तरफ जाते दिखा, जबकि जिला मजिस्ट्रेट के आदेश से आदेश दिनांक 02.05.2022 से उसे उमरिया जिले से व उमरिया जिले के सीमावर्ती जिलों से एक वर्ष के लिए बाहर जाने का आदेश दिया गया था। उक्त सूचना पर से अभियुक्त के निवास घर पर तलाश किया गया जो अपने घर पर मिला। अभियुक्त को थाने के अन्य अपराध क्रमांक 576 / 2022 धारा 392 / 34 में गिरफ्तार किया गया व थाने में अभियुक्त के विरुद्ध अपराध क्रमांक 714 / 2022 पर दिनांक 27.10.2022 को म0प्र0 राज्य सुरक्षा अधिनियम की धारा 14 व भा०दं०सं० की धारा 188 के अधीन दण्डनीय अपराध पंजीबद्ध किया गया व उक्त अपराध में भी दिनांक 27.10.2022 को गिरफ्तार किया गया व अभियुक्त प्रशांत सिंह के विरुद्ध म०प्र० राज्य सुरक्षा अधिनियम की धारा 14 व भा०दं०सं० की धारा 188 के दण्डनीय अपराध में व उसे संश्रय देने वाले अभियुक्त प्रशांत सिंह के पिता अवनीश सिंह उसका भाई राहुल सिंह व प्रतीक सिंह परिहार के विरूद्ध म०प्र० राज्य सुरक्षा अधिनियम की धारा 32 के अधीन दण्डनीय अपराध में उन्हें फरार दर्शाते हुए न्यायालय में अभियोग पत्र पेश किया गया। आरोप विरचना के दौरान अभियुक्त प्रशान्त सिंह के विरुद्ध सिर्फ राज्य सुरक्षा अधिनियम की धारा 14 के अधीन आरोप किया जाना पाते हुए आरोप विरचित किया गया। प्रकरण में अवनीश सिंह राहुल सिंह व प्रतीक सिंह परिहार फरार हैं। प्रकरण की विवेचना बालेन्द्र शर्मा द्वारा की गयी थी ।
राज्य की ओर से अभियोजन का संचालन सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री नीरज पाण्डेय द्वारा किया गया। उक्त प्रकरण में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री आर0 पी अहिरवार के न्यायालय द्वारा आरोपी प्रशांत सिंह परिहार को म०प्र० राज्य सुरक्षा अधिनियम की धारा 14 के अपराध में दोषसिद्ध पाया। अभियुक्त को 01 वर्ष का कारावास एवं 100 रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है।