उमरिया 28 मई – जिले के चंदिया थाना अंतर्गत ग्राम ओबरा में हुई अंधी ह्त्या | प्रेमी ने प्रेमिका की ह्त्या कर लाश को जमीन में गाड़ दिया | 2 दिन बाद परिवार जनों को तलाशने के बाद नई मिट्टी देख कर हुआ शक, पुलिस को दिए जानकारी, पुलिस ने खुदवाया तो निकली किरण कोल की लाश | प्रेमी को पुलिस ने किया गिरफ्तार |
मामला है उमरिया जिले के चंदिया थाना अंतर्गत ग्राम अखडाड का, शिव प्रसाद कोल बताया कि किरण मेरी छोटी बहन है 17 मई को इसकी शादी हुई और बिदा होकर ससुराल कटनी जिले के ढीमरखेड़ा थाने के ग्राम गनियारी गई वहां से 22 मई को लेकर आ गए और 23 मई को रात में खुद रोटी बना कर सबको खिलाई और लगभग 10 बजे रात सो गए सुबह 4 – 5 बजे मेरी माँ देखी कि किरण बिस्तर में नहीं है तो मेरे को जगा कर कही कि बड़ा भैया किरण नहीं है तो हम लोग सोचे कि बाथरूम गई होगी लेकिन जब देर होने लगी तब तलाश करने लगे फोन से रिश्तेदारों से पता करने लगे कहीं पता नहीं चला तब मैं और मेरे भाई – भतीजे तलाशते आये तो अंधियारी बगीचा के पंजाब सिंह के बाडी में दुपट्टा मिला तो उसको पहचान लिए फिर घर लेकर गए सब लोग पहचाने तब फिर से उसके आस – पास तलाशे तो चूड़ी फूटी मिली नाक की नथनी मिली और आगे बढे तो मिट्टी ढकी हुई मिली तो शक हुआ कि हमारी बहन इसी मिट्टी में है तब डायल 100 को फोन लगाये हमको लग रहा है कि इसके साथ दुष्कर्म करके ह्त्या कर दिए |
इस मामले में चंदिया टी आई एम एल वर्मा बताये कि शव मिलने के बाद धारा 302, 201 का अपराध पंजीबद्ध हो गया था, ग्राम अखड़ाड निवासी काशी कोल की 21 वर्षीया पुत्री किरण कोल उर्फ़ करौंदी ग्राम ओबरा निवासी कुंवर सिंह के खेत के पास एक साल पहले मजदूरी करने जाती थी उसी दौरान कुंवर सिंह के छोटे पुत्र प्रदीप सिंह उर्फ़ अजय सिंह से जान – पहचान हो गई और प्रदीप सिंह मोबाईल भी खरीद कर दिया कि आपस में बात होती रहे, इसी दौरान दोनों के बीच अवैध संबंध भी स्थापित हो गया, दोनों लगातार मिलते रहे बाद में अभी 17 मई को किरण की शादी कटनी जिले के ढीमरखेडा थाना अंतर्गत ग्राम गनियारी में हो गई फिर भी किरण प्रदीप सिंह से शादी करने को कहती रही, उसी के बाद से प्रदीप बदनामी के डर से किरण को जान से मार डालने का षडयंत्र रचने लगा |
वहीँ चंदिया टी आई एम एल वर्मा बताये कि आरोपी 17 मई से लगातार अपने खेत में गड्ढा खोदता था और 23 मई को रात 9 बजे मृतिका को फोन किया और 12 बजे रात मिलने का वादा हुआ प्रदीप सो गया था मृतिका रात 12 बजे फोन लगाई, जब पेशाब करने उठा तो देखा कि मिस्ड काल पडा है तब प्रदीप फोन लगाया और कहा कि होशियारी से आना और पूरे जेवरात लेकर आना जिससे भाग चलें मृतिका आई रोड में मिली और फिर दोनों साथ में अंधियारी बगीचा के पास कुंवर सिंह के खेत मतलब आरोपी के खेत में नीम के पेड़ के पास आये और वहीँ बनी मडैया के पास लगभग 15 मिनट बैठ कर बात वगैरह किये इसी दौरान मौक़ा पाकर कुल्हाड़ी के पिछले हिस्से से किरण के सर पर वार किया तब वो तडफने लगी तो उसके गले में भी 3 – 4 वार किया तब तक किरण की मौत हो चुकी थी उसके बाद किरण के गले से सोने की लाकेट उतारा और जो अपने जेवरात, पायल, कंगन और भी चीजे दुपट्टे में बांधी थी, सब चीज रख कर उसको उठा कर गड्ढे में दफना कर गैंती, फावड़ा वगैरह सब कुछ लेकर घर चला और रास्ते में जेवरात को दुपट्टे से निकाल कर दुपट्टा फेंक दिया |
इतने के बाद टी आई बताये कि घर आकर धान के पैरा में गैंती, फावड़ा और कुल्हाड़ी छिपाया और जेवरात और मोबाईल अपने घर के टी व्ही वाले कमरे में काले बैग में रख कर कपड़ों के बीच में छिपा दिया था | मृतिका के परिवार के शंका के आधार पर सारा माल बरामद हो गया और आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा रहा है |
गौरतलब है कि मामला 25 मई का होने के बाद 26 मई को शव का पोस्ट मार्टम करवाने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया लेकिन आरोपी को शक के आधार पर 25 मई को ही पुलिस अपने कब्जे में ले ली थी वहीँ आरोपी के परिजनों की माने तो 25 मई की रात में ही आरोपी अपना जुर्म कबूल कर लिया था और सभी सामान भी बरामद करवा दिया था, आरोपी का परिवार भयभीत होने के कारण कैमरे के सामने आने से मना कर दिया, लेकिन ऐसा क्या हुआ कि पुलिस 3 दिन तक आरोपी को अपने पास रखी रही |