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रेत ठेकेदार से यारी और छोटों पर कार्रवाई, खुद अपनी पीठ थमथपा रहा खनिज विभाग

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सुरेन्द्र त्रिपाठी

उमरिया 29 जुलाई – जिले के पाली, करकेली व मानपुर तहसीलों में रेत माफियाओं का तांडव। कागजों में संचालित हो रही टास्क फोर्स की कार्यवाहियां।
जिले में रेत ठेकेदार को 6 नाकों की मंजूरी भी दे दी गई, जिले के कलेक्टर बिलासपुर तहसील में जबलपुर रोड में सामुदायिक भवन घोघरी में, पाली तहसील में पाली जीरों ढाबा के पास रामपुर जीरो ढाबा में , चंदिया तहसील में चंदिया खितौली रोड पर बांका में एवं कटनी उमरिया रोड में देवरा में, बांधवगढ तहसील में घंघरी नाका उमरिया बायपास के पास महिमार में तथा मानपुर मे अमरपुर बरही सतना रोड में सांई मंदिर के पास डिहिया में नाका स्थापित करनें की मंजूरी 20 जुलाई को खनिज विभाग की अनुशंसा पर दे दिए है। वहीं रेत ठेकेदार आर एस आई स्टोन वर्ड प्राइवेट लिमिटेड करकेली में जनपद कार्यालय के पहले किसी ठाकुर साहब के आन लाइन की दुकान के पास अवैध रूप से गुंडई के दम पर खनिज अधिकारी की सांठ गांठ से बैरियर लगाए बैठे हैं जबकि करकेली में इनकी कोई भी खदान नही है। वहीं माफियाओं और रेत ठेकेदार पर खनिज विभाग अभी भी नकेल कसने में नाकाम हो रहा है, मुख्यालय की बडेरी, तखतपुर, महिमार, जमुनिहा, विलाइकाप से रेत का उत्खनन किसी से छिपा नहीं है, अधिकारियों की नाक के नीचे अवैध कारोबार संचालित हो रहै है, वहीं माफियाओं से सांठगांठ किसी से छिपी नहीं है, सूत्रों की माने तो जिले के कलेक्टर द्वारा जब खनिज विभाग को निर्देशित किया जाता है कि सूचना पर जाकर कार्रवाई करें तो वहां पहुंचने से पहले ही माफियाओं को सूचना दे दी जाती है, कार्यवाही के नाम पर विभागीय अधिकारी छोटी-मोटी कार्यवाही कर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं।
कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव जिले में अपनी पदस्थापना से ही अवैध उत्खनन और परिवहन पर खुद ही मोर्चा सम्हाल रखे हैं, सूचना मिलते ही वह अवैध उत्खनन और परिवहन के स्थल पर औचक निरीक्षण पर पहुंच जाते हैं, लेकिन उनके अधीनस्थ काम करने वाला खनिज विभाग और उसमें पदस्थ अधिकारी और कर्मचारी छोटी – मोटी कार्यवाही कर अपनी पीठ थपथपा रहा है। माफियाओं से विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों की सांठगांठ किसी से छिपी नहीं है।
प्रभारी खनिज अधिकारी द्वारा जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति में 20 तारीख से 26 तारीख तक जिले के विभिन्न क्षेत्रों में अवैध उत्खनन और परिवहन पर कार्यवाही दर्शाई गई है, जिसमें राजस्व विभाग के अधिकारियों की कार्यवाहियों के साथ ही पुलिस और वन विभाग के द्वारा की गई कार्यवाही भी शामिल हैं, लेकिन कागजी खानापूर्ति करने के लिये 10 वाहनों के खिलाफ कार्यवाही कर पीठ थपथपा ली गई।
खनिज विभाग में पदस्थ मौजूदा अधिकारी और कर्मचारी के पुराने रिकार्ड को अगर निकाल कर देखा जाये तो, अलीबाबा 40 चोर की तरह ही इनकी कहानी है, जारी विज्ञप्ति में जिन वाहनों का उल्लेख किया गया है, उनमें छोटे वाहनों पर कार्यवाही दर्शाई गई है। ट्रेक्टर से लेकर डग्गी तक ही विभाग की कार्यवाहियां शामिल हैं, जिस तरीके से आबकारी विभाग शराब ठेकेदार को सरकारी आंकड़े पूरे करने के लिये कहता है, उसी तरह का हाल जिले में खनिज विभाग का भी है। माफियाओं से सांठगांठ के चलते छोटे वाहनों पर कार्यवाहियां दर्शा दी गई।
शाम ढलते ही बडेरी, तखतपुर, महिमार, जमुनिहा, और चंदिया तहसील में देखा जाय तो खैरभार, उंडा, कर्चुलियान घाट, झाला, अंतरिया आदि जगहों से मानपुर में सलैया, पड़वार, मुंहबोला, चरणगंगा, जरवाही, पाली तरफ देखा जाय तो बेली, जमुहाई, ममान, बकेली, घुनघुटी, ओदरी, बिलासपुर तहसील में, गिलोथर, हर्रवाह, बिलासपुर, सलैया, से रेत का अवैध कारोबार शुरू हो जाता है, अधिकारियों के निवास भी मुख्यालय में हैं, हर चौराहे पर सीसीटीव्ही कैमरे भी लगे हुए हैं, लेकिन किसी को दिखाई नहीं देता। करकेली, मानपुर, बिलासपुर, चंदिया, पाली तहसील में अवैध उत्खनन जोरो पर है, लेकिन न तो टास्क फोर्स को यह दिखाई देता है और न ही विभाग के अधिकारियों को, बावजूद इसके खनिज विभाग में तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों के माफियाओं से कनेक्शन से चलते सब कुछ ऑल इज वेल की दर्ज पर चल रहा है।

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